English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-07-15 173622

 चंद्रयान-3 कहां तक पहुंचा? यह सवाल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए अहम है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 की पहली कक्षा बदल दी है। मतलब वह अब 42 हजार से ज्यादा दूर की कक्षा में पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर लगा रहा है। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 को 36,500 किमी के अंडाकार कक्षा में डाला गया था। इसी तरह ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करते हुए पांच बार चंद्रयान-3 की कक्षा बदली जाएगी।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने शनिवार को सुखद संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि आज से ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर किया गया और चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा।

Also read:  भाजपा ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अहमदनगर का नाम बदलने की मांग की

नायर ने बताया कि चंद्रयान-3 के वाहन प्रणालियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। अंतरिक्ष यान को जो भी प्रारंभिक स्थितियां चाहिए थीं, हमने बहुत कुछ प्रदान किया है। चूंकि प्रयोग का पहला चरण 100% सफल रहा है, अंतरिक्ष यान भी बहुत अच्छे स्वास्थ्य में है।

23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा यान

चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता का प्रदर्शन करना है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। यह क्षेत्र बेहद ठंडा है। इस ध्रुव पर अभी कोई देश पहुंच नहीं पाया है।

Also read:  दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार की कंट्रोवर्सी पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से किया शुक्रिया

चंद्रमा पर निशान छोड़ेगा भारत

अंतरिक्ष यान में छह पहियों वाला लैंडर और रोवर मॉड्यूल है, जो चंद्रमा की सतह से संबंधित डेटा प्रदान करने के लिए पेलोड के साथ कॉन्फिगर किया गया है। रोवर के पिछले पहिये, जिसका नाम प्रज्ञान है। वे जब चंद्रमा की सतह पर चलेंगे तो इसरो और राष्ट्रीय प्रतीक के निशान छोड़ेंगे। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर कर्टेन रेजर वीडियो साझा किया है।

श्रीहरिकोटा ने चंद्रयान-3 ने भरी उड़ान

शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3 रॉकेट ने उड़ान भरी, जो चंद्रयान को 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया। उसके बाद रॉकेट ने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए धकेल दिया। चंद्रयान की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होते ही भारत यह सफलता पाने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।

Also read:  अचानक तबीयत बिगड़ने पर ICU में भर्ती हुए सौरव गांगुली

अब तक अमेरिका, रूस और चीन को चंद्रमा पर पहुंचने में सफलता मिली है। अमेरिका और रूस को कई बार के प्रयास के बाद सफलता मिली। चीन अपने पहले मिशन में ही सफल होने वाला इकलौता देश है। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। 22 जुलाई को चंद्रयान-2 चंद्रमा पर भेजा गया, लेकिन सात सितंबर को मिशन के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की चंद्रमा पर हार्ड लैंडिंग हुई। इसके बाद संपर्क टूट गया।