English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-08-11 075416

 चमोली जिले में जिस हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण भूधंसाव का दंश झेल रहे जोशीमठ शहर को बचाने के लिए किया जा रहा है, अब उस पर भी भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। बदरीनाथ हाईवे पर सेलंग गांव के पास नया भूस्खलन क्षेत्र बन गया है, जिसके नीचे से हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण किया जा रहा है।

छह किमी लंबे हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण चारधाम आल वेदर रोड परियोजना के तहत किया जा रहा है। इसके पीछे मंतव्य बदरीनाथ धाम की यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही सीमा तक पहुंच आसान करना है। इसके बनने पर बदरीनाथ की दूरी 22 किमी कम हो जाएगी।

Also read:  अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शुरू हुई 'जंग', एक ने बरसाए BOMB तो दूसरे ने दागे गोले, देखें VIDEO

बाईपास खतरे की जद में

यह बाईपास जोशीमठ से 12 किमी पहले हेलंग से शुरू होकर मारवाड़ी में बदरीनाथ हाईवे पर मिलेगा। इन दिनों बीआरओ तेजी से इसके निर्माण में जुटा है। पिछले दिनों हेलंग से दो किमी आगे बदरीनाथ हाईवे पर नया भूस्खलन क्षेत्र बनने से यह बाईपास खतरे की जद में आ गया है। जिस स्थान पर नया भूस्खलन क्षेत्र उभरा है, उसके नीचे भी पहाड़ी दरक रही है।

Also read:  मेरठ शहरवासियों को मिली वंदे भारत ट्रेन की सौगात, ट्रेन साढ़े पांच बजे आनंद विहार टर्मिनल से हुई आरंभ

भूस्खलन क्षेत्र का दायरा 500 मीटर

इसी भूस्खलन क्षेत्र के ठीक नीचे से हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। भूस्खलन का मलबा निर्माणाधीन बाईपास तक पहुंच गया था। इसी के मद्देनजर भविष्य में हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के साथ जोशीमठ हाईवे को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल, इस भूस्खलन क्षेत्र का दायरा 500 मीटर है। भविष्य में इसके बढ़ने की आशंका को देखते हुए अभी से उपचार कराने की जरूरत है।

Also read:  300 किलोमीटर दूर राजधानी में रहने वाले डॉक्टरों के नाम से भी गोरखपुर में अस्पताल चल रहे

जोशीमठ के लोग इस भूस्खलन क्षेत्र को बाईपास निर्माण से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि यह जोशीमठ की तलहटी में छेड़छाड़ का परिणाम है। दूसरी तरफ, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) इसे सामान्य बता रहा है। बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन का कहना है कि वर्षाकाल में भूस्खलन सामान्य प्रक्रिया है। भूस्खलन का मलबा निर्माणाधीन बाईपास से हटा दिया गया है।