असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में बताया कि बीते छह सालों में बड़ी संख्या में युवा उग्रवादी संगठनों में शामिल हुए हैं, वहीं कईयों ने आत्मसमर्पण भी किया है।
उन्होंने बताया, बीते छह सालों में 1500 से ज्यादा युवा उग्रवादी संगठनों के साथ जुड़े हैं। दरअसल, विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री कांग्रेस विधायक देवव्रत सैकिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
2016 से 2022 तक के हैं आंकड़े
मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने बताया, 2016 से अब तक 1561 युवा पांच उग्रवादी संगठनों से जुड़े हैं। उन्होंने बताया, 811 युवा एनडीएफबी, 164 युवा एनएलएफबी (बोडो), 351 पीडीसीके, 203 उल्फा और 32 युवा यूपीआरएफ में शामिल हुए हैं।
7935 ने किया आत्मसमर्पण
मुख्यमंत्री ने बताया, बीते छह सालों में 23 उग्रवादी संगठनों के 7935 युवाओं ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण भी किया है, जिसके बाद उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया गया है। इसमें 4516 एनडीएफबी, 465 एनएलएफबी, 915 केपीएलटी, 388 पीडीसीके, 378 यूपीएलए, 246 केएलएनएलएफ, 181 डीएनएलए, 178 एडीएफ व अन्य से थे।
जिहादी गतिविधियों में 84 लोग गिरफ्तार
असम सीएम ने कहा, भाजपा के सत्ता में आने के बाद 2016 से अब तक 84 लोगों को जिहादी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया है। ये सभी जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश, हिजबुल मुजाहिदीन और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम जैसे संगठनों से जुड़े हुए थे। उन्होंने बताया, इनमें से 10 लोगों का मदरसा कनेक्शन सामने आया है।