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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हुआ भाजपा ने धनबल का इस्तेमाल करके किया।उन्होंने कहा कि पीएम के लिए विपक्षी दलों का साथ आना भ्रष्टाचार है। जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह ने जीत दर्ज की थी।

 

मणिपुर में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पांच विधायक शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसी क्रम में भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया है। ऐसे में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हुआ भाजपा ने धनबल का इस्तेमाल करके किया।

उन्होंने कहा कि पीएम के लिए विपक्षी दलों का साथ आना भ्रष्टाचार है। वे जो चाहें कर सकते हैं लेकिन 2023 तक जद (यू) एक राष्ट्रीय पार्टी बन जाएगी। इससे पहले सिंह ने सुशील मोदी को जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा कि आपको याद कराना चाहते हैं कि अरुणाचल और मणिपुर दोनों जगह जदयू ने भाजपा को हराकर सीटें जीती थी। इसलिए जदयू से मुक्ति का दिवास्वप्न मत देखिए।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ था, वह आपके गठबंधन धर्म के पालन के कारण हुआ था? और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको तो याद होगा 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभाएं की, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा…इंतजार कीजिए।

जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह ने जीत दर्ज की थी। भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूणकुमार शामिल हैं। खाउटे और अरूणकुमार ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर दोनों जदयू में शामिल हो गए थे।

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