English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-05-18 134752

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर अयोध्या के साधु संतों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ये मामला राजनीतिक नहीं धार्मिक है।

 

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयान पर अयोध्या (Ayodhya) के साधु संतों ने नाराजगी जताई है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने कहा कि ये मामला धार्मिक है इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जब इसका सर्वे हो चुका है और मामला अदालत में है तो जो फैसला आए सभी पक्षों का मानना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ तपस्वी छावनी के महंत परमहंस (Mahant Paramhans) ने कहा कि अखिलेश यादव ने बीजेपी के लिए नहीं अपितु बहुसंख्यक समाज का अपमान किया है भगवान भोलेनाथ का अपमान किया है। ये बयान आने वाले समय में सपा के लिए समूल विनाश का कारण होगा।

Also read:  हरिश रावत के कांग्रेस की सरकार बनाने के दावे पर धामी ने कहा- हरीश रावत पर हमला, कहा-हरीश रावत की खुशी केवल कुछ दिनों की है, सत्ता में तो हम...

अखिलेश के इस बयान पर भड़के साधु-संत

दरअसल, अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी मस्जिद (Akhilesh Yadav ON Gyanvapi) को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि बीजेपी (BJP) के पास महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का जवाब नहीं है यही वजह है कि इस तरह के मुद्दे उठा रही हैं ज्ञानवापी जैसी घटनाओं को जानबूझकर बीजेपी पर्दे के पीछे से अपने सहयोगियों के द्वारा भड़का रही है अखिलेश यादव ने कहा कि जो काम मुगलों ने किया था वही काम यह सरकार भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास चुनाव तक ऐसा नफरत भरा कैलेंडर तैयार है।

‘ये मामला राजनीतिक नहीं धार्मिक है’

अखिलेश के इस बयान पर अब अयोध्या के साधु-संतों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अखिलेश के बयान पर हमला करते हुए कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण धार्मिक है और धार्मिक नीति के साथ में जुड़ा हुआ है. इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए। जो लोग राजनीति लाते हैं वो इसके वास्तविक स्वरूप का विषयांतर कर देते हैं उसे भटका देते हैं। उन्होंने कहा कि जो मामला चल रहा है और उसका सर्वे हो चुका है यह किसी पार्टी के ऊपर आरोप लगाना है तो ये बिलकुल गलत है क्योंकि दावा करने वाली महिलाएं किसी पार्टी की नहीं है वो वहां गौरी की पूजा करने जाती थी और उनको रोका गया और इसलिए उन्होंने इसकी मांग की। ऐसी स्थिति में ये कहना कि महंगाई और बेरोजगारी से भटकाने के लिए ये किया गया है तो ये गलत है।

Also read:  मध्यप्रदेश के बाद, उत्तरप्रदेश भी लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून तैयार कर रहा है; कानून विभाग को प्रस्ताव भेजा है

 

महंत परमहंस का अखिलेश पर निशाना

वहीं दूसरी तरफ तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने भी सपा अध्यक्ष के बयान पर नाराजगी जताई और कहा कि अखिलेश ने ये बीजेपी के लिए नहीं बल्कि बहुसंख्यक समाज का अपमान किया है, भगवान भोलेनाथ का अपमान किया है. उन्होंने हमारे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रधान विश्वनाथ हैं और काशी विश्वनाथ में जब मुग़ल आक्रांता औरंगजेब ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर को तोड़कर उस मिट्टी के मलबे से ज्ञानवापी मस्जिद बनाया था। कोर्ट के आदेश से वीडियोग्राफी के दौरान वहां शिवलिंग की प्राप्ति हुई है। बावजूद इसके सपा प्रमुख अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश का ये बयान उनकी पार्टी के समूल नाश का कारण होगा।

Also read:  तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन, दिल्ली में आज 24 नए केस मिले