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Trivdendra-Singh-Rawat

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला सीट से विधायक BJP के दिग्गज नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है। इस संबंध में रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनावको लेकर एक तरफ जहां टिकट को लेकर कई बड़े नेताओं की नारजगी की खबर आ रही है तो वहीं इस बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री  और भाजपा के दिग्गज नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में डोईवाला सीट से विधायक रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा  को पत्र लिखकर इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है। त्रिवेंद्र सिंह डोईवाला सीट से तीन बार रहे चुके है।

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राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा कि कृपया उत्तराखंड चुनाव नहीं लड़ने के मेरे अनुरोध को स्वीकार करें ताकि मैं पार्टी (आगामी चुनावों में) का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। दरअसल राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (आरएसएस) से अपनी सामाज‍िक व राजनीत‍िक जीवन की शुरुआत करने वाले त्र‍िवेंद्र स‍िंह रावत 19 साल की उम्र में ही आरएसएस के साथ जुड़ गए थे। यहां से उन्‍होंने एक प्रचारक से मुख्‍यमंत्री तक का सफर तय क‍िया, लेक‍िन वह अपना मुख्‍यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने में असफल रहें। त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर 1960 को पौड़ी जिले की खैरासैंड़ गांव में हुआ था। त्रिवेंद्र रावत 1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और 1985 में वह देहरादून महानगर के प्रचारक बने।  इसके बाद 1993 में त्रिवेन्द्र रावत बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाए गए। 1997 में वह बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री बने। वहीं 2002 में फ‍िर वह भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने।

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देश में हुए पहले विधानसभा चुनाव में डोईवाला से बने विधायक

त्र‍िवेंद्र स‍िंह रावत ने अपनी सक्र‍िय राजनीत‍ि की शुरुआत 2002 से की। उत्‍तराखंड बनने के बाद जब 2002 में उत्‍तराखंड का पहला व‍िधानभा चुनाव आयोजि‍त क‍िया गया तो त्र‍िवेंद्र स‍िंह भी सक्र‍िय राजनीत‍ि में आ गए। ज‍िसके तहत उन्‍हें 2002 में बीजेपी की तरफ से डोईवाला व‍िधानसभा से ट‍िकट म‍िला। इस चुनाव में त्रि‍वेंद्र स‍िंंह रावत व‍िजय हुए। वहीं 2007 में भी त्र‍िवेंद्र स‍िंंह रावत ने इस व‍िधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और व‍िजय हुए। इस दौरान बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्‍हें उत्‍तराखंड सरकार में कैबि‍नेट मंत्री बनाया गया। वहीं 2012 के चुनाव में वह रायपुर से उम्‍मीदवार बनाए गए, ज‍िसमें उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा।

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अपने कार्यकाल के चार साल पूरे होने से पहले ही देना पड़ा CM पद से इस्‍तीफा

पश्‍च‍िमी उत्‍तर प्रदेश का सहप्रभारी रहे साथ ही झारखंड व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए त्र‍िवेंद्र स‍िंह रावत को प्रभारी भी बनाया गया था। 2017 में म‍िला। इस चुनाव में त्र‍िवेंद्र स‍िंह रावत एक बार फ‍िर डोईवाला से चुनाव लड़े और व‍िजय रहे। वहीं मुख्‍यमंत्री के ल‍िए हुई व‍िधायक दल की बैठक में उन्‍हें मुख्‍यमंत्री चुना गया। इसके साथ ही त्र‍िवेंद्र स‍िंह का बतौर मुख्‍यमंत्री सफर शुरू हुआ। इस दौरान कई व‍िवादों को लेकर वह सुर्ख‍ियों में बने रहे और अपने कार्यकाल के चार साल पूरे होने से 9 द‍िन पहले साल 2021 में मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देना पड़ा।