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उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 58 सीटों पर मतदान होना है। इन्हीं क्षेत्रों के प्रत्याशियों को लेकर सोमवार को भाजपा प्रदेश चुनाव समिति ने लखनऊ में बैठक की थी। कई नामों का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अब इन नामों पर आज केंद्रीय चुनाव समिति दिल्ली में चर्चा करेगी।

 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर पहले फेज और नौ जिलों की 55 सीटों पर दूसरे फेज में मतदान होना है। इन विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति मंथन करेगी। दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत संगठन से जुड़े कई पदाधिकारी पहुंच चुके हैं। इस बैठक में पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह भी मौजूद रहेंगे।

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खराब छवि वाले विधायकों के टिकट कटेंगे
इससे पहले सोमवार को पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति ने लखनऊ में पहली बैठक की। इसमें प्रत्याशी चयन पर मंथन किया गया। पहले व दूसरे चरण के कुछ प्रत्याशियों की सूची इसी सप्ताह जारी की जाएगी। बताया जाता है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में खराब छवि वाले मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देगी। वह जिताऊ व टिकाऊ उम्मीदवारों पर ही दांव खेलेगी।

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चुनाव प्रचार-प्रसार को लेकर भी बनाई रणनीति
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने चुनाव प्रचार की रणनीति प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की कोविड गाइडलाइन के तहत डोर टू डोर प्रचार किया जाएगा। पार्टी बड़े नेताओं की डिजिटल सभा और रैली करेगी। इसके लिए बूथ स्तर तक पूरी तैयारी है। बैठक में तय किया गया कि पार्टी चरणवार प्रत्याशी घोषित करेगी। हालांकि कुछ जगहों पर सपा और बसपा के प्रत्याशी को देखते हुए जातीय समीकरण के हिसाब से उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। बैठक में पश्चिमी यूपी में पहले चरण के चुनाव प्रचार की रणनीति पर भी मंथन किया गया। पार्टी किसानों, जाटों के साथ जाटव समाज को साधने पर फोकस करेगी।