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पैकिंग और लेबलयुक्त चावल, आटे और गेहूं पर भी जीएसटी लागू किया गया है, इससे इन रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की कीमतें बढ़ गई हैं। 5,000 रुपए से अधिक किराए वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा।

 

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को दूध, दही और छाछ पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तंज कसा। उन्होंने निशाना साधते हुए सवाल पूछा कि क्या अब दूध-दही पर बने मुहावरों पर भी जीएसटी देना पड़ेगा?

अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “जय श्री कृष्णा! जन्माष्टमी के ठीक एक महीने पहले भाजपा सरकार ने दूध, दही, छाछ पर जीएसटी लगाकर जो चोट कृष्ण भक्तों को दी है, उससे आहत होकर हर एक भोला कृष्ण भक्त पूछ रहा है कि क्या अब दूध का जला, छाछ को भी…दूध का दूध…दूधो नहाओ…दही जमना जैसे लोकोक्ति-मुहावरों पर भी जीएसटी देना पड़ेगा?”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पैकिंग वाले दही, लस्सी, पनीर और छाछ जैसे दुग्ध उत्पादों पर 18 जुलाई से पांच फीसद जीएसटी लगा दिया है। इसके अलावा पैकिंग और लेबलयुक्त चावल, आटे और गेहूं पर भी जीएसटी लागू किया गया है, इससे इन रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की कीमतें बढ़ गई हैं। यही नहीं, 5,000 रुपए से अधिक किराए वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गई है।

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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था।

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इसी प्रकार टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई हैं।

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सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था। सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी।