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 देश के कई राज्यों और राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही जाति जनगणना की मांग का समर्थन अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने भी किया है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा है कि जाति जनगणना होनी चाहिए, ये पूरे देश की मांग है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय सिंह ने कहा, “जाति जनगणना होनी चाहिए, ये पूरे देश की मांग है। तमिलनाडु में मांग है, बिहार में मांग है। बीजेपी भाग रही है क्योंकि आरएसएस के 97 सालों के इतिहास में एक भी प्रमुख दलित या पिछड़े वर्ग से नहीं बने, संघ में उनका प्रवेश प्रतिबंधित है।  जाति जनगणना नहीं कर रहे क्योंकि इनकी मानसिकता नहीं है।”

बीजेपी पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा, “अगर इस देश की सरकार, प्रदेश सरकारें गिराने का काम करेंगी, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करेंगी, तो इसपर चर्चा विधान सभा, लोक सभा और राज्य सभा में नहीं होगी तो कहां होगी? ईडी ने कहा मनीष सिसोदिया ने 14 मोबाइल फोन तोड़ दिए। इसके आधार पर उन्हें जमानत नहीं मिली। जबकि ये झूठ निकला।”

संजय सिंह ने आगे कहा, “भाजपा लोकतंत्र को हर स्तर पर खत्म करना चाहती है। उपराज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है। विधानसभा सत्र कब बुलाया जाएगा ये विधानसभा अध्यक्ष तय करते हैं, एलजी तय नहीं करते।”

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बता दें कि देश भर में जाति जनगणना की लगातार मांग कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से अपनी मांग दोहराई है। इस बारे में बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि जब हमने जाति आधारित जनगणना करने का फैसला किया जो वर्तमान में राज्य मेंकी जा रही है, तो बिहार में सभी दल इससे सहमत थे। बिहार में जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से हो गई है। दूसरे चरण में जाति जनगणना मोबाइल ऐप – बीजगा (बिहार जाति अधारित गणना) के जरिए की जाएगी जिसमें 17 कॉलम और 214 जाति के नामों की सूची है। हर जाति के लिए अगल कोड की व्यवस्था की गई है। यानी अब जातियों की पहचान उनके कोड संख्या के जरिए होगी। अब अंकों से पता चल जाएगा कि कौन किस जाति का है।  बिहार सरकार ने पिछले साल (2022) में दो जून को जातिगत सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी।