भारत में पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए हाइड्रोजन के इस्तेमाल की अपनी तरह की एक परियोजना शुरू की जा रही है। इसका उद्देश्य देश में एक ग्रीन हाइड्रोजन आधारित इकोसिस्टम बनाना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे। इस कार का नाम ‘मिराई’ है, यानी भविष्य। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि पेट्रोल-डीज़ल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। भारत पेट्रोल-डीज़ल को आयात करता है और पेट्रोल-डीज़ल से प्रदूषण भी बहुत होता है।
नितिन गडकरी ने कहा, प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमें तेल में भी आत्मनिर्भर होना होगा। ये गाड़ी जल्दी ही भारत में आएगी, देश में एक बड़ी क्रांति होगी। आयात कम होगा और हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना निश्चित रूप से साकार होगा। ‘आत्मानिर्भर’ बनने के लिए, हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से उत्पन्न होता है। यह कार पायलट प्रोजेक्ट है। अब देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा, आयात पर अंकुश लगेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
गडकरी ने आगे कहा, भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया है और (जल्द ही) हम हाइड्रोजन का निर्यात करने वाला देश बन जाएंगे। जहां भी कोयले का इस्तेमाल होगा वहां ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा।
Koo App केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री @nitin.gadkari एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे। उन्होंने कहा, देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
2047 तक भारत को ‘ऊर्जा आत्मनिर्भर’ बनाने का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने 16 मार्च को नई दिल्ली में दुनिया की सबसे उन्नत तकनीक विकसित ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) टोयोटा मिराई का शुभारंभ किया था. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, आरके सिंह, महेंद्र नाथ पांडे, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर लिमिटेड के एमडी मसाकाजू योशिमुरा, टीकेएम लिमिटेड के वीसी विक्रम किर्लोस्कर और अधिकारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करके स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी और इस तरह 2047 तक भारत को ‘ऊर्जा आत्मनिर्भर’ बनाएगी।