English മലയാളം

Blog

download (2)

प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी धन का इस्तेमाल करने में सभी राज्य सरकारें फिसड्डी साबित हुई है। पर्यावरण मंत्रालय के एनसीएपी की राष्ट्रीय सर्वोच्च समिति की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सभी राज्य सरकारें वायु प्रदूषण रोकने के लिए जारी धन का उपयोग करने में विफल रहे हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी)  की राष्ट्रीय सर्वोच्च समिति की बैठक में ये बात निकल कर सामने आई ।

एनसीएपी की पहली बैठक के दौरान जारी आंकड़ों के अनुसार, सभी राज्य अपने-अपने राज्यों में वायु प्रदूषण रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत केंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि का सही तरीके से उपयोग नहीं किया, जिससे प्रदूषण कम नहीं हुआ।

Also read:  एलआईसी और अडानी के बीच भरोसा बरकरार, एलआईसी ने अडानी ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी 4.23 फीसदी से बढ़ाकर 4.26 फीसदी की

वायु प्रदूषण को रोकन के लिए अगले पांच साल में 700 करोड़ रुपये जारी करेगा केंद्र
रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 से 2020-21 तक 114 शहरों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत कुल 375.44 करोड़ रुपये दिए गए और 2021-22 के लिए 82 शहरों को 290 करोड़ आवंटित किए गए, लेकिन इस दौरान राज्य सरकारें प्रदूषण पर लगाम लगाने में पीछे रह गई। केंद्र सरकार प्रदूषण रोकने के लिए सभी राज्यों को वर्ष 2021-26 के बीच 700 करोड़ रुपये और जारी करेगा।

Also read:  RSS प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ शिकायत दर्ज, वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में उक्त याचिका दायर की

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और केजरीवाल सरकार से राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर मांगा था जवाब
पिछले महीने राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए जवाब मांगा था कि दोनों सरकारें उन उद्योगों, पावर प्लांट्स की जानकारी दें, जिन्हें वायु प्रदूषण रोकने के मकसद से कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। कोर्ट ने वाहनों की आवाजाही रोकने पर भी विचार करने के लिए भी कहा था।

Also read:  सऊदी आंतरिक मंत्री ने NAUSS वार्षिक समारोह का संरक्षण किया