यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में यूक्रेन में रूसी हमले को लेकर पैदा हुए सूरते-हाल पर मंथन हुआ।
बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, पीयूष गोयल, किरण रिजिजू, एनएसए अजित डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला मौजूद रहे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने कहा है कि यूक्रेन की सीमाओं पर मानवीय मदद के तहत राहत आपूर्ति की पहली खेप कल भेजी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विभिन्न देशों में उनके विशेष दूतों के तौर पर चार वरिष्ठ मंत्रियों की यात्रा भारतीय नागरिकों की निकासी को तेज करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह बैठक इस बात को दर्शाती है कि सरकार भारतीयों को निकालने के मामले को कितनी प्राथमिकता देती है। अरिंदम बागची ने बताया कि ‘दुनिया एक परिवार’ भारत का आदर्श वाक्य है। इससे प्रेरित होकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकासशील और पड़ोसी देशों के पीड़ित नागरिकों की भी मदद करेगा जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं और सहायता मांग सकते हैं…
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi chairs another high-level meeting on Ukraine crisis#RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/PWnsL3Gr2K
— ANI (@ANI) February 28, 2022
इससे पहले सोमवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी जिसमें चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचकर भारतीयों की सुरक्षित निकासी में समन्वय की जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के मुताबिक किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी, वीके सिंह पोलैंड जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा में वहां की सरकारों के साथ तालमेल बिठाएंगे। पीएम मोदी ने भारतीयों की सुरक्षित और जल्द वापसी सुनिश्चित करने को कहा है।
मालूम हो कि पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बात करके भारतीयों की सुरक्षित वापसी की अपील कर चुके हैं। उन्होंने दोनों नेताओं से हिंसा रोकने की अपील की थी। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि भारत ने हमेशा ही विदेशी धरती पर मुश्किल परिस्थितियों में घिरे अपने नागरिकों की मदद की है और उन्हें सुरक्षित भारत लाने का काम किया है। मौजूदा वक्त में भारतीयों की सुरक्षित वापसी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
उल्लेखनीय है कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद हो गया है। इस वजह से भारत यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी सीमा चौकियों के जरिए निकाल रहा है। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने नागरिकों को कीव में रेलवे स्टेशन पहुंचने की सलाह दी। भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारतीय नागरिक यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों की ओर जाएं। यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में भारतीय अधिकारी उन्हें निकालने में मदद करेंगे।