आतंकी बिहार को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं आशंका के मुताबिक बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है पटना पुलिस के अलावा गजवा-ए-हिंद मामले की जांच एनआईए व आईबी भी कर सकती है
पटना में आतंकी गतिविधियों का खुलासा होने के बाद अब सवाल यह उठने लगे हैं क्या आतंकी बिहार को भी सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं? क्या बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है? देश में दहशतगर्दी के लिए गजवा-ए-हिन्द का मॉडल तैयार किया गया था और इसका कमांड पाकिस्तान के हाथों में था।
गजवा-ए-हिंद के जरिए देश को अशांत करने की मंशा पाले ताहिर और उससे जुड़े लोगों के आय के श्रोत और उन तक पहुंचने वाली रकम की जांच भी होगी। पटना पुलिस इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मदद लेगी। इस बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार गजवा-ए-हिंद मामले की जांच एनआईए व आईबी कर सकती है।
एटीएस तीन संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। फुलवारीशरीफ में गिरफ्तार स्लीपर सेल मरगूब के बाद बिहार में भी जांच एजेंसियां सक्रिये हो गई हैं। ईडी यूपी और केरल एंगल की पीएलएफ के मामले की पहले से जांच कर रही है, अब इसमें बिहार का मामला भी जुड़ने जा रहा है। वहीं पुलिस और एटीएस की आठ टीमें में राज्यभर में छापेमारी कर रही हैं। अब तक गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस और गिरफ्तारियां कर रही है।
इसी सिलसिले में कल दानिश को पकड़ा गया था। एटीएस तीन संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। इस बीच स्लीपर सेल के रूप में रहने वाले मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की करीबी युवती इलिसा का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एटीएस की टीम जांच के दौरान फुलवारी से कापर वायर जब्त हुआ है। कोडवर्ड के जरिए मरगूब पाकिस्तान के फैजान से बात करता था।
मरगूब मूलरूप से गया जिले के बिथो शरीफ निवासी सैफुद्दीन अहमद का बेटा है। उसके तार पाकिस्तान व बांग्लादेश से जुड़े हैं। वह वाट्सएप ग्रुप से पाकिस्तान, बांग्लादेश व अन्य इस्मालामिक देशों से नेटवर्क चला रहा था। पीएफआई से जुड़े तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद चौथे की फुलवारी से गिरफ्तारी से पुलिस महकमे के साथ ही जांच एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। वर्ष 2023 में देश में बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश थी। एटीएस के साथ मिलकर पुलिस इस साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है। गुप्त मैसेज को डिकोड किया जा रहा है।
इस बीच पटना पुलिस को दानिश के स्मार्टफोन से कई बेहद संवेदनशील जानकारियां मिली हैं। एटीएस की तफ्तीश में यहां के अल्प्संख्यकों को धर्म के नाम पर उकसाने और भड़काने की बात सामने आई है। यहां रहने वाले मुसलमान असली मुसलमान कब बनेंगे इस बात का उनसे सबूत मांगा जा रहा था। उन्हें यह कह कर उकसाने की कोशिश हो रही थी कि नबी की शान पर सारी दुनिया के मुसलमान आवाज उठा रहे हैं, तुम आवाज कब उठाओगे?
इन सब भड़काऊ बातों को लिखकर एक पम्पलेट छपवाया गया था। जिसे व्हाट्एसप और दूसरे सोशल नेटवर्क के जरिए फुलवारी शरीफ में रहने वाले मुसलमानों के मोबाइल फोन पर भेजा जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि यह सब कुछ मई माह से ही यहां चल रहा था। पुलिस के मुताबिक, दानिश ही गजवा-ए-हिन्द मॉडल को ऑपरेट कर रहा था।
हैरानी की बात तो यह है कि यह मॉडल बिहार में 2016 से काम कर रहा था, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। धर्म के नाम पर फुलवारी शरीफ के मुसलमानों को किस तरह से भड़काया जा रहा है, इसका खुलासा तब हुआ जब बीते 10 जून को थानेदार एकरार अहमद के सरकारी मोबाइल नंबर के व्हाट्सएप पर एक पम्पलेट आया।
उसमें लिखा हुआ था, ‘शर्म करो डूब मरो, शर्म करो डूब मरो गोश्त खाकर मुसलमान बनने वाले फुलवारी शरीफ के आवाम असली मुसलमान कब बनोगे? नबी की शान पर कब बोलोगे? सारी दुनिया के मुसलमान आवाज उठा रहे हैं, तुम कब उठाओगे? क्या यूं ही मुर्दा बने रहोगे? याद रखना कल कयामत में अल्लाह तुमसे सवाल कर बैठे तो क्या जवाब दोगे और क्या मुंह दिखाओगे?