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बिहार में शराब की तस्करी रोकने के लिए मद्य निषेध विभाग ने हैंड स्कैनर मशीन मंगवाई है। इसके जरिये वाहनों के अंदर छिपाकर लाई जा रही शराब भी आसानी से पकड़ी जा सकेगी।

बिहार में पहली बार गोपालगंज में यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट के पास इस मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं स्कैनर मशीन से मालवाहक ट्रकों की जांच पड़ताल में काफी सहूलियत मिल रही है। उत्पाद विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस मशीन के आने से गाड़ियों में सामान के अंदर चोरी-छिपे लाई जा रही शराब को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। आज से यह मशीन काम करना शुरू कर दिया है। शराब की तस्करी को रोकने के लिए बलथरी चेकपोस्ट पर कैसे स्कैनिंग मशीन से जांच की जा रही।

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जानिए, कैसे काम करती है स्केनिंग मशीन

यह मशीन बैट्री से चलती है। किसी भी वाहन की बंद बॉडी को स्कैन करती है। उसके बाद वाहन के अंदर सामनों को आकार के रूप में स्क्रीन पर तस्वीर दिखाती है। बोतल बंद शराब, फ्रूटी शराब को आसानी ये स्कैनिंग मशीन कैप्चर कर इंडिकेट कर देती है. इसके बाद चेकपोस्ट पर मौजूद उत्पाद टीम उन वाहनों को जब्त कर लेती है। इस प्रक्रिया में 30 से 40 सेकेंड ही लगता है। अबतक इस हैंड स्कैनिंग मशीन से एक बस में छिपाकर लाई जा रही शराब को पकड़ी गयी है।

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हर रोज गुजरता है एक हजार मालवाहक ट्रक

उत्तर प्रदेश की तरफ से हर रोज एक हजार से अधिक मालवाहक ट्रक बलथरी चेकपोस्ट से बिहार में प्रवेश करता है। इन वाहनों की उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस द्वारा सघन तलाशी ली जाती है। संदेह होने पर ट्रकों के तिरपाल आदि खोल कर सामान निकाले जाते हैं और फिर उनकी जांच पड़ताल की जाती है। इस प्रक्रिया में कई बार एक ट्रक की जांच पड़ताल में घंटों का समय लग जाता है।

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इस समस्या को लेकर उत्पाद विभाग द्वारा सरकार को अवगत कराया गया था। जिसके बाद आज बलथरी चेक पोस्ट पर वाहनों की तलाशी में सहूलियत को लेकर हैंड स्कैनर मशीन उपलब्ध करायी गयी। पटना से आए तकनीशियन अभय शंकर तिवारी द्वारा उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को हैंड स्पिनर से जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसके बाद उत्पाद विभाग की टीम द्वारा मालवाहक ट्रकों की जांच पड़ताल हैंड स्कैनर से शुरू कर दी गयी।