English മലയാളം

Blog

वॉशिंगटन: 

अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने शुक्रवार को कहा है कि उनका प्रशासन H-1B जैसे वर्कर वीजा पर ट्रंप प्रशासन की ओर से लाए गए तीन मेमोरेंडम के चलते उठाई गई आपत्तियों या प्रतिकूल फैसलों पर पुनर्विचार करने को तैयार है. बता दें कि ट्रंप की ओर से लाए गए ये मेमो अब रद्द किए जा चुके हैं. इस कदम से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवरों को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि कई गैर-आप्रवासी वर्क वीजा, जैसे कि खासकर H-1B जैसे वीजा पर कई नई नीतियों और मेमो के चलते उन्हें कई दिक्कतें आ रही थीं.

Also read:  जो बाइडन ने सार्वजनिक रूप से लगवाया कोरोना वायरस का टीका, हुआ सीधा प्रसारण 

अमेरिका के सिटीज़नशिप एंड इमिग्रएशन सर्विसेज़ (USCIS) ने शुक्रवार को घोषणा की है कि वो ट्रंप प्रशासन की रद्द की जा चुकीं नीतियों के आधार पर जिन गैर-आप्रवासी श्रमिकों की याचिका, फॉर्म I-129, पर प्रतिकूल फैसले लिए गए हैं, उन्हें वो दोबारा खोल सकता है/पुनिर्विचार कर सकता है.

USCIS ने कहा है कि कोई भी याचिकाकर्ता अपनी याचिका पर पुनिर्विचार करने लिए नोटिस ऑफ अपील, फॉर्म I-290B उचित फीस के साथ अपील डाल सकता है.

Also read:  कोरोना: पिछले 24 घंटे में मिले 27071 नए मरीज, IIT मद्रास के छात्रावास में सभी छात्रों का होगा टेस्ट

बता दें कि इसके अलावा शुक्रवार को बाइडेन प्रशासन ने पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियम में विलंब के लिए शुक्रवार को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी. यह नियम एच-1बी वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य न्यूनतम वेतन में वृद्धि से संबंधित है. एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति होती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां इसके जरिये हर साल भारत और चीन से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं.

Also read:  जेल में ही रहेंगे लालू यादव, नहीं मिली जमानत, अब 19 फरवरी को सुनवाई

श्रम विभाग की शुक्रवार को प्रकाशित संघीय अधिसूचना के अनुसार वह इस बात पर विचार कर रहा है कि अंतिम नियम की प्रभावी तिथि और उसके साथ क्रियान्वयन की अवधि में और विलंब किया जाए. अभी यह तारीख क्रमश: 14 मई, 2021 और एक जुलाई, 2021 है. बयान में कहा गया है कि प्रभावी तिथि और क्रियान्वयन अवधि में और देरी से पहले विभाग आम लोगों से इसपर राय लेगा.