इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि रमजान के आखिरी दस दिनों में तहज्जुद की नमाज का नेतृत्व करने वाले मस्जिदों के इमामों को फज्र की नमाज से पहले इसे पर्याप्त ब्रेक के साथ खत्म करने की जरूरत है ताकि नमाजियों पर ज्यादा बोझ न पड़े।
मंत्रालय ने मस्जिद के इमामों को निर्देश दिया कि वे पैगंबर के निर्देशों का पालन करते हुए क़ुनूत और अन्य सभी दुआओं के संबंध में पैगंबर के निर्देशों का पालन करें।
मंत्रालय ने इमामों से प्रार्थनाओं को लंबा करने और उन्हें धर्मोपदेश में बदलने से बचने का आह्वान किया। उन्हें अतिरंजित आवाज और तुकबंदी से भी बचना चाहिए लेकिन विनम्रता और पवित्रता के साथ प्रार्थना करनी चाहिए।
साथ ही मंत्रालय ने सभी से देश के शासकों और बाकी रमजान के दौरान सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात सैनिकों के लिए अपनी प्रार्थना बढ़ाने का आग्रह किया।