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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश ने जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने में प्राथमिकता से कार्य किया है। नल-जल योजनाओं के संचालन और संधारण में भी ग्रामीण युवाओं की प्रतिभा का उपयोग किया जा रहा है।

 

श्री चौहान भोपाल प्रवास पर आए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ समत्व भवन के मंथन सभाकक्ष में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों के संबंध में चर्चा कर रहे थे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव भी बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत का मुख्यमंत्री निवास आगमन पर पुष्प-गुच्छ से स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, गोबर धन संयंत्रों की शुरूआत और स्वच्छ भारत मिशन कार्यों में भी अग्रणी बना है। केंद्र सरकार से प्राप्त सहयोग से मध्यप्रदेश इन क्षेत्रों में बेहतर परिणाम देगा। उन्होंने कहा कि हर घर जल पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश में तेजी से कार्य हो रहा है। जहाँ वर्ष 2019 में सिर्फ 138 ग्राम तक यह सुविधा पहुँची थी, वहीं अब तक 7 हजार से अधिक ग्रामों में हर घर तक टोंटी द्वारा जल पहुंच रहा है। प्रदेश के 119. 87 लाख परिवार को नल कनेक्शन देने के लक्ष्य के मुकाबले 55 लाख से अधिक परिवारों को यह सुविधा पहुंचाई जा चुकी है। इस वित्त वर्ष के अंत तक यह संख्या 70 लाख परिवार हो जाएगी। समूह योजनाओं के कार्य भी पूरे हो रहे हैं। हर घर तक जल पहुँचाने के कार्य में बुरहानपुर जिला देश में प्रथम आया है।

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श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों की निरंतर समीक्षा की है। वे जिलों पर केंद्रित प्रात: कालीन बैठकों में भी हर घर जल पहुँचाने के कार्यों की समीक्षा करते हैं। मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह की महिलाएँ भी मिशन के कार्यों में सहयोगी बनी हैं। श्री चौहान ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के साथ ही अन्य विषयों पर भी केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत के साथ चर्चा की।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार जल जीवन मिशन के कार्यों का मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। केंद्र सरकार से आए वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मध्यप्रदेश के प्रदर्शन को श्रेष्ठ बताया। केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि अब देश में ऐसे ग्रामों को लक्ष्य कर कार्य किया जा रहा है जहाँ पानी का एक भी स्रोत नहीं है। पुनर्भरण और अन्य प्रयासों से प्रत्येक ग्राम को लाभान्वित किया जाएगा। जल जीवन सर्वेक्षण भी इस कार्य में मददगार बनेगा।

श्री शेखावत ने कहा कि ग्रामों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होने की शुरूआत उत्सव के रूप में करने की पहल की गई है। इस कार्य में भी मध्यप्रदेश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। आगामी 31 जुलाई तक सभी विद्यालयों और आँगनवाड़ी केंद्रों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। केन्द्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संबंध में आवश्यक वित्तीय सहयोग राज्यों को प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश को भी कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि मिलती रहेगी।

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बैठक में बताया गया कि प्रदेश के सभी ग्रामों को इस वर्ष के अंत तक विभिन्न श्रेणियों में ओडीएफ प्लस घोषित किये जाने का लक्ष्य है। प्रदेश में गोबर धन परियोजनाओं की संख्या 52 है। इनमें से 32 परियोजना पूर्ण हो गई हैं। जिलों में गो-संवर्धन बोर्ड, समुदाय बायोगैस संयंत्र स्थापित कर रहा है। सीधी जिले में गो-अभयारण्य परिसर में पीपीपी मोड पर प्लांट लगाने की कार्यवाही की जा रही है। अन्य क्षेत्रों की तरह मध्यप्रदेश में हो रहे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों को भी पहचान मिलेगी। केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने अच्छे कार्यों के लिए विभिन्न पुरस्कार योजनाओं की जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस एन मिश्रा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे