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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल होने पर सीएम ने भी कोयला संकट को जिम्मेदार ठहराया।

 

शिवराज सिंह चौहान कल भोपाल में सिविल सेवा दिवस के अवसर पर दोपहर में आयोजित एक समारोह में गए थे जहां बिजली गुल हो गई थी इस पर चौहान ने जहां इसके लिये ‘कोयला संकट’ को जिम्मेदार बताया, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने इस मसले पर सरकार पर तंज कसा।

चौहान के भाषण के दौरान जब बिजली चली गई तो उन्होंने कहा कि क्या बिजली विभाग के प्रधान सचिव संजय दुबे आसपास हैं। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी के बाद श्रोताओं की हंसी गूंज उठी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने यह जांचने के लिए कि माइक काम कर रहा है या नहीं, हिलाया -डुलाया और फिर कहा कि कोयला संकट है। चौहान ने कहा कि मैंने बुधवार सुबह संजय (दुबे) के साथ बातचीत की थी और उन्होंने मुझसे कोयले के कुछ ‘रेक’ के लिए अनुरोध किया था। हालांकि इस दौरान 5 मिनट तक बिजली गुल रहने के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा।

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वहीं इस पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा कि जब मामाजी (सीएम) प्रशासन अकादमी में सिविल सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे, तब लंबे समय से बिजली गुल थी। उन्होंने कहा कि मामाजी ने कोयले की समस्या के बारे में भी बात की। मध्य प्रदेश में बिजली संकट प्रकट हो गया है।

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दो दिन पहले ही ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा कि देश भर के थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत दे रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अगले कुछ महीनों में बिजली की मांग अपने चरम पर होने पर पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए 10 प्रतिशत तक कोयले के आयात की सिफारिश की है।

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