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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले पर सदन में जवाब दिया जाएगा।तेजस्वी यादव ने कहा कि जिसको जो करना है कर लें, सौ सुनार का एक लोहार का।राबड़ी देवी ने सीबीआई की इस कार्रवाई को केंद्र सरकार की साजिश करार दिया।

 

बिहार की राजनीति में आज भूचाल देखने को मिल रहा है। विधानसभा में सरकार ने भाजपा पर हमला किया और दूसरी ओर सीबीआई ने कुल 25 स्थानों पर छापेमारी की है। राजद के दिग्गज नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की।

कहा जा रहा है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए जो नौकरी के बदले जमीन घोटाला हुआ उसी को लेकर यह छापेमारी की गई है। राजद के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम, सांसद फैयाज अहमद, विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय, पूर्व विधायक अबू दोजाना, बालू कारोबारी सुभाष यादव, राबडी देवी के पीए नागमणि यादव के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है।

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ये सभी नेता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी हैं। सूत्रों के अनुसार छापेमारी में सीबीआई को अहम सबूत हाथ लगे हैं। बता दें कि ये सभी नेता आर्थिक तौर पर बहुत सबल माने जाते हैं। यह छापेमारी दिल्ली, पटना, मधुबनी, कटिहार और गुड़गांव के ठिकाने पर की गई है।

पटना में ही राजद के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम, विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह के अलावे राजद के पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सांसद अशफाक करीम का कटिहार में अल-करीम विश्वविद्यालय एवं मेडिकल कॉलेज-अस्पताल है।

वहीं मधुबनी में पैदा हुए डॉक्टर फैयाज अहमद केशोपुर में मधुबनी मेडिकल कॉलेज के नाम से मेडिकल कॉलेज चलाते हैं। इसके अलावा वह कई स्कूल, बीएड कॉलेज समेत कई शिक्षण संस्थान चलाते हैं। विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह वर्ष 2003 से बिस्कोमान के अध्यक्ष हैं और लालू यादव के करीबी होने के साथ ही राजद के कोषाध्यक्ष का भी पद संभालते हैं। उनपर पीएफ घोटाला का आरोप लग चुका है।

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जबकि राजद नेता सुबोध राय वैशाली से आते हैं और पूर्व में विधान मंडल के सदस्य रह चुके हैं। वे बड़े व्यापारी भी माने जाते हैं। पूर्व विधायक अबू दोजाना भी बिल्डर हैं। वहीं सुभाष यादव भी रेत(बालू) कारोबार से जुड़े व्यापारी हैं और लालू यादव के परिवार से काफी लम्बे समय से जुड़े हैं।

कहा जाता है कि वह ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाते हैं। उन्हें लेकर यहां तक कहा जाता है कि लालू की रैलियों और कार्यक्रमों के खर्चों का ब्योरा भी सुभाष की डायरी में ही दर्ज होता था। सामान्य दिनों में भी लालू की पार्टी से संबंधित धन की जरूरतें सुभाष पूरी करते रहे हैं। राजद के टिकट पर लोकसभा और विधान सभा का चुनाव भी झारखंड में लड़ चुके हैं।

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सीबीआई सूत्रों ने बताया कि नौकरी के बदले जमीन मामले में यह छापेमारी की गई है। बताते चलें कि सीबीआई ने रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, दो बेटियां, नौकरशाह और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप हैं कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में जमीन के बदले नौकरियां दिलाई गईं।