पहली बार राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्य़ा 100 पहुंच गई है। बीते 31 मार्च को हुए चुनाव में जहां पहले ही राज्यसभा से चार सदस्यों की विदाई हो चुकी है। वहीं पहली बार पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से भी इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
एक तरफ जहां पहली बार राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्य़ा 100 पहुंच गई है तो वहीं 33 सदस्यों तक सिमटने वाली कांग्रेस के पा 17 राज्यों में कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बीते 31 मार्च को हुए द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में जहां पहले ही राज्यसभा से चार सदस्यों की विदाई हो चुकी है तो वहीं जून और जुलाई में नौ अन्य सदस्य सेवानिवृत्त होंगे।
आगामी चुनावों के बाद इसकी संख्या घटकर 30 हो जाएगी जो राज्यसभा में अब तक का सबसे निचला स्तर है। कांग्रेस को उम्मीद है कि डीएमके उसे खाली होने वाली छह सीटों में से एक देगी। उस मामले में इसकी संख्या 31 होगी।
लेकिन पार्टी के पास उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा से राज्यसभा का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। वहीं पहली बार पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से भी इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2019 में राजस्थान जाने राज्यसभा जाने तक असम से सांसद रहे थे।
आगामी चुनाव के बाद कांग्रेस के पास जो 30 या 31 राज्यसभा सदस्य होंगे वे अधिकतर पार्टी शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ भाजपा शासित कर्नाटक से हैं। पार्टी में राजस्थान और कर्नाटक से 5-5, छत्तीसगढ़ से 4, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से 3-3 और पश्चिम बंगाल और हरियाणा से दो-दो सदस्य होंगे। एक-एक सदस्य बिहार, केरल और झारखंड से रहेंगे।
लोकसभा में भी पार्टी की बिल्कुल यही स्थिति है। कांग्रेस का हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम और त्रिपुरा सहित राज्यों से कोई लोकसभा प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके कुल 53 लोकसभा सदस्यों में से 28 दक्षिण भारत से हैं। केरल से 15, तमिलनाडु से आठ, तेलंगाना से तीन और कर्नाटक और पुडुचेरी से एक-एक हैं। उत्तर भारत में, केवल पंजाब से पार्टी के पास 8 सांसद हैं।
कांग्रेस के पास असम से तीन और छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से दो-दो सांसद हैं। कई राज्यों में इसके पास सिर्फ एक सांसद हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गोवा और मेघालय हैं।