कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की।
राहुल ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और ‘पेगासस’ के जरिये बनाये जा रहे दबाव के चलते मायावती दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ रहीं और भाजपा को खुला रास्ता दे दिया।
राहुल गांधी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के मौके पर हालिया उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के संदर्भ में यह टिप्पणी की।
गौरतलब है कि हाल में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। कांग्रेस सिर्फ दो और बसपा एक सीट ही हासिल कर सकी। राहुल ने दावा किया कि आज सीबीआई, ईडी, और पेगासस के जरिये राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने (उत्तर प्रदेश चुनाव में) मायावती जी को संदेश दिया कि गठबंधन करिये, मुख्यमंत्री बनिए, लेकिन (उन्होंने) बात तक नहीं की।’
कांग्रेस नेता ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांशीराम जी ने खून- पसीना देकर दलितों की आवाज को जगाया। हमें उससे नुकसान हुआ, वह अलग बात है। आज मायावती जी कहती हैं उस आवाज के लिए नहीं लड़ूंगी। खुला रास्ता दे दिया। इसकी वजह सीबीआई, ईडी और पेगासस है।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अगर मैंने एक रुपये भी लिया होता तो यहां भाषण नहीं दे पाता।’
राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर देश की संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘संविधान हिंदुस्तान का हथियार है। मगर संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘ हम यहां संविधान लिए घूम रहे हैं, आप और हम कह रहे हैं कि संविधान की रक्षा करनी है। लेकिन संविधान की रक्षा संस्थाओं के जरिये की जाती है। आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं।’
#WATCH Mayawatiji didn't fight elections, we sent her the message to form an alliance but she didn't respond. Kanshi Ram Ji raised voice of Dalits in UP, though it affected Congress. This time she didn't fight for Dalit voices because there are CBI, ED & Pegasus: Rahul Gandhi pic.twitter.com/Jf7nvHAec0
— ANI (@ANI) April 9, 2022
उन्होंने दावा किया कि संविधान पर यह आक्रमण उस समय शुरू हुआ था जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सीने पर तीन गोलियां मारी गईं थीं। राहुल ने दलितों के साथ भेदभाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘दलित और उनके साथ होने वाले व्यवहार से सबंधित विषय मेरे दिल से जुड़ा हुआ है। यह उस वक्त से है जब मैं राजनीति में नहीं था।’
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग सुबह से लेकर रात यही सोचते रहते हैं कि सत्ता कैसे मिलेगी, लेकिन सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद उन्हें इसमें दिलस्पी नहीं है। राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं अपने देश को उसी तरह समझने की कोशिश करता हूं, जैसे एक प्रेमी जिससे प्रेम करता है, उसे समझना चाहता है।’
उन्होंने अपनी चुनावी सफलताओं और विफलताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मेरे देश ने जो मुझे प्यार दिया है, वो मेरे ऊपर कर्ज है। इसलिए मैं सोचता रहता हूं कि इस कर्ज को कैसे उतारू। देश ने मुझे सबक भी सिखाया है…देश मुझे कह रहा है कि तुम सीखो और समझो।’