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श्रीनगर: 

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) 14 महीनों बाद रिहा हो गई हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि पूर्व CM महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है. मुफ्ती को पिछले साल 4 अगस्त को उस समय नजरबंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने के साथ ही उसका विशेष दर्जा छीन लिया था. रिहा होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अब हमें ये याद रखना है कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से हमसे क्या लिया था, हमें वो वापस चाहिए.’

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मंगलवार को रिहा होने के बाद महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से उनका एक ऑडियो मैसेज शेयर किया गया. उसमें वह कह रही हैं, ‘मैं आज एक साल से भी ज्यादा अरसे के बाद रिहा हुई हूं. इस दौरान 5 अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फैसला, हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा और मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी. हममें से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अब हम सबको इस बात पर यादा करना होगा कि जो दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को गैर-आयनी, गैर-जम्हूरी, गैरकानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा. बल्कि उसके साथ-साथ मसले कश्मीर, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर कीं, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी. मैं मानती हूं कि ये राह कतई आसान नहीं होगी लेकिन मुझे यकीन है कि हम सबका हौसला और अजम, ये दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मौवीन होगा.

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, ‘आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर मुफ्ती समेत कई नेताओं को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत नजरबंद किया गया था. 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि महबूबा मुफ्ती को कितने समय तक के लिए कस्टडी में रखा जा सकता है. कोर्ट ने इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था.