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शिव सेना (उद्धव गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को चिट्ठी लिखकर 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस घोषित’ करने की मांग की है।

इसके पीछे उन्होंने एकनाथ शिंदे की बगावत का जिक्र किया है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि 20 जून को हमारी पार्टी के 40 विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ बगावत की थी। यह बगावत बीजेपी के उकसाने पर की गई थी।

50 करोड़ रुपये दिए गए

संजय राउत ने चिट्ठी ने लिखा-ऐसा कहा जाता है कि उनमें से हर विधायक को पार्टी तोड़ने के एवज में 50 करोड़ रुपये दिए गए थे। बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। संजय राउत ने इस चिट्ठी को ट्वीट कर सार्वजनिक भी कर दिया है।\

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20 जून को हुई थी बगावत की शुरुआत

संजय राउत ने चिट्ठी की शुरुआत में शिवसेना का परिचय दिया और फिर एकनाथ शिंदे की बागवात और उस बागवत में बीजेपी के सहयोग का जिक्र किया है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि बगावत की शुरुआत 20 जून को हुई थी। उसी दिन एकनाथ शिंदे और अन्य विधायक उद्धव ठाकरे को छोड़कर गुजरात पहुंच गए थे। शिवसेना सांसद ने चिट्ठी में लिखा कि इन लोगों ने ऐसे समय में उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ा जब वे बीमार चल रहे थे।

दुनिया इन गद्दारों को याद रख सके-संजय राउत

संजय राउत ने 10 अन्य निर्दलीय विधायकों का भी जिक्र किया जो महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का समर्थन कर रहे थे और बाद में शिंदे और बीजेपी के उकसावे पर समर्थन वापस ले लिया। चिट्ठी के अंत में संजय राउत ने अपील की कि 20 जून को विश्व गद्दार दिवस के तौर पर मनाया जाए ताकि दुनिया इन गद्दारों को याद कर सके। आपको बता दें कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उद्धव कैबिनेट में मंत्री थे। बाद में बागी गुट ने उन्हें नेता चुन लिया और बीजेपी के समर्थन से वे मुख्यमंत्री बन गए।