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अदालत ने सिंघु  बॉर्डर पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी है। अदालन ने उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है। अब वह आज शाम या कल तक रिहा हो सकते हैं। मनदीप ने स्वयं को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था।

वहीं पुलिस ने उस पर लोगों को भड़काने व कामकाज में बाधा पंहुचाने का आरोप लगाते हुए जमानत आवेदन पर विरोध जताया था। रोहिणी अदालत के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला मंगलवार को सुनने का निर्णय किया था, जिस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने मनदीप को जमानत दे दी।

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स्वतंत्र पत्रकार पूनिया को पुलिस ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों को भड़काने और नारे लगाने का आरोप है। उसे सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था।

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अभियोजन पक्ष ने उसकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि उसने अपनी पहचान छुपाई और अपने सहयोगियों के साथ जबरन बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। आरोपी अपने सहयोगियों के साथ नारेबाजी करता रहा।

इस दौरान हुई हिंसा व मारपीट में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटे आई है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाए क्योंकि वह साक्ष्य को मिटाने की कोशिश कर सकता है और फिर से गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हो सकता है।

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वहीं पुनिया ने अपनी जमानत याचिका में कहा है की उसकी  बुर्जुग मां की देखभाल उसी के जिम्मे है। पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसाया है ताकि अन्य आरोपियों को बचाया जा सके। इसके अलावा ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिसे वह प्रभावित कर सकता है।