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नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि अगले दो महीनों में घरेलू उड़ानों में यात्रियों की संख्या कोरोना-पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी।

सिंधिया ने राज्यों से एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) या विमान ईधन पर टैक्स घटाने का भी आग्रह किया, ताकि देश के विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा सके। वर्ष 2020 के शुरुआती महीनों में कोरोना संकट सामने आने से पहले घरेलू उड़ानों में रोजाना चार लाख लोग यात्रा करते थे। महामारी की दूसरी लहर के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन का संकट सामने आने के बाद यह संख्या फिर गिरनी शुरू हुई।

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आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइमा) के एक कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा कि कुछ समय पहले प्रत्येक विमान में यात्रियों की क्षमता और किराये की सीमा निर्धारित करने का उद्देश्य बहुत स्पष्ट था। वह यह था कि सभी विमानन कंपनियों को बाजार की कम से कम एक हिस्सेदारी और राजस्व मिले, ताकि सब इस संकट का सामना मिलकर करें और इस कठिन दौर में टिके रहकर इससे बाहर निकल सकें। विमानन कंपनियों को पिछले वर्ष 18 अक्टूबर से पूरी क्षमता से परिचालन की अनुमति दी गई थी।

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ओमिक्रोन संकट से करीब-करीब उबरता दिख रहा सेक्टर

सिंधिया के अनुसार बीते नवंबर-दिसंबर में घरेलू विमानन सेक्टर ने प्रतिदिन 3.8 से 3.9 लाख यात्रियों की संख्या को छू लिया और यह कोविड-पूर्व के स्तर के पास था। लेकिन ओमिक्रोन के बाद यात्रियों की संख्या घटकर 1.6 लाख प्रतिदिन रह गई। लेकिन बीते रविवार यानी 20 फरवरी, 2022 को यात्रियों की संख्या 3.5 लाख रही। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने घरेलू कंपनियों ने 64.08 लाख यात्रियों को यात्रा कराई थी, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 17.14 प्रतिशत कम रही। पिछले साल जनवरी में हवाई यात्रियों की संख्या 77.34 लाख रही थी। ड्रोन के बारे में सिंधिया का कहना था कि इसके निर्माण उद्योग में करीब 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की क्षमता दिख रही है। वहीं, अगले पांच से छह वर्षो में ड्रोन सर्विस क्षेत्र से 30,000 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है।

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