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पंजाब में कांग्रेस के सीएम चेहरे के दावेदार माने जा रहे नवजोत सिंह सिद्धू के लिए मुश्किल बढ़ गई हैं। दरअसल रोडरेज के पुराने मामले में सिद्धू के खिलाफ सजा बढ़ाने की मांग को लेकर आज SC में सुनवाई होनी है।

 

 चुनावी तनाव के बीच नवजोत सिंह सिद्धू के सामने एक पुरानी मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। दरअसल रोडरेज के पुराने मामले में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के खिलाफ सजा बढ़ाने की मांग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज दोपहर सुनवाई करेगा। 34 साल पुराने मामले में सिर्फ जुर्माने की सजा हुई थी। 1988 की घटना में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट सिर्फ सजा बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा

वहीं मामले में हाईकोर्ट ने सिद्धू को 3 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी भी कर दिया था, लेकिन पीड़ित परिवार ने 2018 में पुनर्विचार की मांग की। अब ऐन चुनाव के बीच उसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज दोपहर बाद सुनवाई करेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ये साफ कर चुका है कि सिर्फ सजा बढ़ाने की मांग पर विचार होगा। बता दें कि सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत सिर्फ मारपीट का दोषी माना गया है, जिसमें अधिकतम एक साल की सजा का प्रावधान है. एक साल की सजा राहत की बात तो है लेकिन चुनाव के बीच सिद्धू पर जेल जाने का खतरा भी बरकरार है।

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माता वैष्णोदेवी के दर पर पहुंचे सिद्धू

इधर चुनावी माहौल और तनाव के बीच सिद्धू माता वैष्णोदेवी के दर पर भी पहुंचे हैं। दरअसल वे अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी सीट से शिअद के बिक्रम सिंह मजीठिया भी चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में 18 सालों की प्रतिष्ठा दांव पर लही है, लिहाजा सिद्धू भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। दर्शन से पहले सिद्धू ने ट्विटर पर माता के प्रति अपनी आस्था का जिक्र भी किया। सिद्धू ने लिखा कि धर्म के रास्ते पर चलते हुए मुसीबत में मां वैष्णो देवी ने हर बार रक्षा की है। सिद्धू की यात्रा को चुनाव के तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी सूत्रों का ये भी कहना है कि सिद्धू की ये यात्रा पहले से तय थी।

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मजीठिया की एंट्री से मुश्किल में सिद्धू

वैसे कांग्रेस कोई भी सफाई दे लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिद्धू के सामने सचमुच मुसबीत आ गई है क्योंकि सामने उनके सियासी दूश्मन और अकाली दल के बड़े नेता विक्रम मजीठिया हैं. जो खुद कोने-कोने में घूमकर प्रचार कर रहे है। मजीठिया की एंट्री ने पहले तो अमृतसर पूर्व में लड़ाई को एकतरफा से दोतरफा बनाया और उसके बाद आम आदमी पार्टी भी अपनी कैंपेन से लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।

सिद्धू की पत्नी ने संभाली प्रचार की कमान

वहीं सिद्धू और मजीठिया के बीच रोज एक-दूसरे के लिए जुबानी हमले हो रहे हैं। ऐसे में प्रचार की कमान खुद सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने संभाल रखी हैं। वो स्थानीय लोगों के साथ गली-गली घूम रही हैं, छोटी-छोटी सभाएं कर रही हैं और लोगों के दिलों में सिद्धू के लिए बेइंतहा प्यार का दावा कर रही हैं।

मजीठिया ने भी लगाया पूरा जोर

गौरतलब है कि 1 लाख 65 हजार वोटर वाली अमृतसर पूर्व सीट पर कुल 76 हजार 7 सौ 67 महिला वोटर हैं। जिन्हें साधने के लिए खुद सिद्धू की पत्नी सड़कों पर उतरी है। नवजोत कौर खुद 2012 में इस सीट से विधायक बनी थी तो 2017 में खुद सिद्धू 40 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। 18 सालों से सिद्धू का परिवार इस क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रहा है ऐसे में उन्हें फिर जीत का भरोसा है। लेकिन मजीठिया ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। दरअसल सिद्धू की चुनौती पर मजीठिया ने अपनी पुरानी सीट मजीठा छोड़ दी है और अब वो मजबूती के साथ अमृतसर पूर्व सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन सिद्धू की पत्नी उन्हें बाहरी बता कर वोटरों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही हैं।

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वैसे सिद्धू की लिए मुसीबत अकेले मजीठिया नहीं हैं। उधर सीएम कैंडिडेट बनने की रेस में चन्नी का नाम आगे निकल रहा है तो रोडरेज का पुराना मामला भी चुनाव के बीच मुसीबत बढ़ाने आ गया है।