English മലയാളം

Blog

केंद्र सरकार ने गुरुवार को नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म, फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये नियम आगामी तीन महीने में लागू हो जाएंगे। नए दिशानिर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत मिलने पर उसे 24 घंटे के अंदर हटाना होगा। डिजिटल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सेल्फ रेगुलेशन करना होगा। इससे पहले 13 फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया पर भ्रामक व भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के मामले में केंद्र सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी किया था।

सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा था कि फर्जी अकाउंट बनाकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरें, संदेश व नफरत भरी सामग्री (कंटेंट) और विज्ञापनों को कैसे रोका जाएगा? अदालत ने हेट स्पीच और फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए देश में सोशल मीडिया को नियंत्रित कर कानून के दायरे में लाने के लिए केंद्र और अन्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। इसके अलावा अदालत ने सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाने वाले और फेक न्यूज के प्रसार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए अलग से कानून बनाने को कहा था।

Also read:  राष्ट्रपति मुर्मु इंदौर पहुंची सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्टपति मोहम्मद इरफान अली से मुलाकात करेंगी, प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन करेंगी

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम ने बीते शुक्रवार को भाजपा नेता विनीत गोयनका की याचिका पर केंद्र व टि्वटर से जवाब तलब किया था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अश्विनी दुबे ने कहा था कि गणमान्य नागरिकों व सांविधानिक पद पर बैठे लोगों के नाम से टि्वटर व फेसबुक पर सैकड़ों फर्जी अकाउंट उनकी वास्तविक फोटो के साथ चल रहे हैं। इनसे नफरत व भ्रम फैलाने वाली सामग्री पोस्ट की जा रही है। आम नागरिक इनका विश्वास आसानी से कर लेते हैं।

Also read:  हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अदाणी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला, कांग्रेस 6 फरवरी को करेगी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन

याचिका में कहा गया था कि खासतौर से टि्वटर व उसके अधिकारी जानबूझकर भारत के खिलाफ भावनाएं भड़का रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई का कानून होना चाहिए। 2019 में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस टि्वटर पर मौजूद है और देश के खिलाफ काम कर रहा है। टि्वटर सोशल मीडिया पर सुरक्षा के लिए जो एल्गोरिथम व तर्क उपयोग करता है, उन्हें भारत सरकार से साझा करे ताकि देश विरोधी ट्वीट की स्क्रीनिंग हो सके। सोशल मीडिया हैंडल के लिए अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) अनिवार्य की जाए ताकि सोशल मीडिया सुरक्षित व अकाउंट्स जवाबदेह रहें।