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केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन समुदायों के माध्यम से तेजी से फैल रहा है और इसके मामले 1.5 से तीन दिन में दोगुने हो रहे हैं।

 

देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट्स लगातार कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इस बीच केरल के कोविड एक्सपर्ट कमिटी के सदस्य डॉ टीएस अनीश ने कहा कि ग्लोबल ट्रेंड्स को देखा जाए तो 2-3 हफ्ते में देश में ओमिक्रॉन केस की संख्या 1,000 पहुंच जाएगी और अगले 2 महीनों में यह 10 लाख तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड संक्रमण की एक बड़ी लहर से पहले हमारे पास 1 महीने से ज्यादा समय नहीं है, इसे रोकने की जरूरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के अब तक 358 मामले आ चुके हैं। उनमें से 183 मामलों का विश्लेषण किया गया और पता लगा कि इनमें से 121 लोगों ने विदेश यात्रा की थी। केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन समुदायों के माध्यम से तेजी से फैल रहा है और इसके मामले 1.5 से तीन दिन में दोगुने हो रहे हैं।

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डॉ टीएस अनीश तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने हाल में एक अखबार को बताया था कि ओमिक्रॉन से भी डेल्टा वेरिएंट जैसी स्थिति (दूसरी लहर के दौरान) ही बनेगी। उन्होंने कहा, “ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलने से कम्युनिटी ट्रांसमिशन होगा, लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह कब होगा। चूंकि ओमिक्रॉन और डेल्टा पूरी तरह से अलग वेरिएंट हैं, इसलिए एक्सपर्ट्स भी दोबारा संक्रमण की उच्च दर और ब्रेकथ्रू संक्रमण की संभावनाओं को खारिज नहीं कर रहे हैं।”

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‘भारत में मिले एक तिहाई ओमिक्रॉन केस हल्के लक्षण वाले’

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा कि दुनिया कोविड-19 मामलों की चौथी लहर का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही देश के कुल मामलों में गिरावट आ रही है लेकिन केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मिजोरम में अब भी अधिक संख्या में संक्रमण की सूचना है. केरल और मिजोरम में कोविड-19 की संक्रमण दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, जो चिंता का कारण है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में अभी तक मुख्य वेरिएंट डेल्टा ही बना हुआ है। उन्होंने कहा, “ओमिक्रॉन वेरिएंट से गंभीर ​​​​बीमारी नहीं होती और भारत में मिले सभी मामलों में से लगभग एक तिहाई हल्के लक्षण वाले थे और बाकी मरीजों में कोई लक्षण नहीं था। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्तियों के लिए इलाज समान रहता है। यह डेल्टा, अल्फा या बीटा वेरिएंट से हुए संक्रमण के इलाज से अलग नहीं होता है।”

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फरवरी में एक दिन में 1.5 लाख संक्रमण केस आने की आशंका

इससे पहले आईआईटी के वैज्ञानिक भी फरवरी में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जता चुके हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि “सबसे खराब स्थिति” के दौरान फरवरी में रोजाना संक्रमण के नए मामलों की संख्या 1.5 लाख से 1.8 लाख हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी के बाद अगले महीने से ही ओमिक्रॉन के मामले घटने लगेंगे, इसलिए भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान होने की जरूरत है।