श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ( Peoples’ Democratic Party) के तीन नेताओं ने अपनी पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehooba Mufti) के बयान से नाराजगी जताते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन तीनों नेताओं का कहना है कि महबूबा के बयान से उनकी देशभक्ति की भावनाएं आहत हुई हैं. पीडीपी के नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में इन्होंने लिखा है, ‘वे उनके कुछ कार्यों और अवांछनीय कथनों पर विशेष रूप से असहज महसूस कर रहे हैं, जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करते हैं.’
दरअसल महबूबा मुफ्ती ने कहा था, “हम राष्ट्रीय ध्वज को तभी उठाएंगे, जब हमारे राज्य के ध्वज को वापस लाया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज केवल इस (जम्मू और कश्मीर) ध्वज और संविधान वजह से है. हम इसी ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं.”
महबूबा की टिप्पणियों के विरोध में जम्मू और कश्मीर में बीजेपी ने आज “तिरंगा (झंडा) मार्च” आयोजित किया. एक फ्लैग मार्च श्रीनगर में और दूसरा जम्मू में आयोजित किया गया, बुलेट-प्रूफ कारों और पुलिस की जीपों के साथ तिरंगा झंडे लहराते हुए बीजेपी कार्यकर्ता दिखाई दिए.
पीडीपी दफ्तर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लहराया तिरंगा
भाजपा (BJP) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पीडीपी (PDP) के जम्मू कार्यालय पर तिरंगा फहरा दिया. सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता यहां तिरंगा लेकर इकट्ठा हुए थे और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी महबूबा मुफ्ती (Mahbooba Mufti) के बयान का विरोध कर रहे थे. इस दौरान पुलिस वहां मूकदर्शक बनकर खड़ी रही. भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए दोपहर को पीडीपी कार्यालय पहुंचे. इनमें से कई पीडीपी के झंडे वाले खंभे के पास की दीवार पर चढ़ गए. कार्यकर्ताओं ने फिर पोल पर तिरंगा झंडा लहरा दिया.
कानून मंत्री ने दिया महबूबा को जवाब
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसके जवाब में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 370 की बहाली कभी नहीं होगी. पार्टी ने महबूबा पर राष्ट्रविरोधी बयान देने का आरोप लगाया था. पार्टी ने पीडीपी प्रमुख के तिरंगे को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की थी. वहीं कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को राष्ट्रीय ध्वज को लेकर भड़काऊ और गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचने की सलाह दी थी.
बता दें कि शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए विशेष राज्य के दर्जे को फिर से पाने के लिए कोई भी संवैधानिक लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ेगी. महबूबा ने केंद्र पर हमलावर अंदाज में कहा, “एक डाकू पराक्रमी हो सकता है लेकिन उसे चोरी का सामान वापस करना होगा. उन लोगों ने संविधान को ध्वस्त कर दिया… संसद के पास ये शक्ति नहीं कि वो विशेष दर्जा छीन सके.” महबूबा ने कहा कि जो लोग ये सोच रहे हैं कि हम कश्मीर को छोड़ देंगे वो बड़ी गलती कर रहे हैं.