शराब घोटाले में फंसे मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
मनीष सिसोदिया साथ ही नौ महीने से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के एक और कद्दावर मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रियों से यह इस्तीफा पार्टी की ईमानदार छवि को बचाने के लिए लिया है।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा दबाव
दरअसल, माना जा रहा है कि शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया के फंसने के बाद आम आदमी पार्टी की छवि को भारी नुकसान पहुंच रहा था। अरविंद केजरीवाल की छवि भी प्रभावित हो रही थी। भाजपा अपनी हर प्रेस कांफ्रेंस में यह कहकर केजरीवाल पर हमला बोल रही थी कि जो अरविंद केजरीवाल अपने आंदोलन के दिनों से यह कहते आ रहे थे कि किसी नेता पर कोई आरोप लगने पर उसे तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, वे नौ महीने से जेल में बंद अपने मंत्री को अपने मंत्रिमंडल से नहीं हटा रहे हैं।
भाजपा ने इस हमले को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा दिया था। पार्टी लगातार मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री और शराब विभाग का मंत्री एक साथ होने पर तंज कस रही थी। आने वाले दिनों में भाजपा एक अभियान चलाकर शराब घोटाले को दिल्ली में घर-घर तक पहुंचाने की योजना बना चुकी है। जाहिर है कि इससे पार्टी की छवि पर बेहद नकारात्मक असर पड़ रहा था।
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अरविंद केजरीवाल एक नए तरह की राजनीति करने की बात करते थे, लेकिन अब उनके एक तिहाई मंत्री जेल में बंद हैं और जेल से ही सरकारी कामकाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शायद अरविंद केजरीवाल जेल से दिल्ली सरकार चलाकर एक नई परंपरा स्थापित करना चाहते हैं। भाजपा नेता का यह तंज आम आदमी पार्टी को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था।
आम आदमी पार्टी के भविष्य पर असर
भाजपा ने इन मामलों को लेकर जिस तरह का आक्रामक रुख अपनाया है, उससे आम आदमी पार्टी की छवि पर बेहद नकारात्मक असर पड़ रहा था। इससे पार्टी के आगामी चुनावी प्लान पर भी असर पड़ सकता था। माना जा रहा है कि यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने दो दिग्गज मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया।