English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

भारत-चीन (India China Clash) के बीच लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद पर अमेरिका (America) ने एक बार फिर चीन को आईना दिखाते हुए भारत का साथ दिया है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ (Mike Pompeo) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका भारत की ओर से अपनी अखंडता के लिए किए जा रहे कदमों में उसके साथ खड़ा है. अमेरिकी विदेश मंत्री के इस बयान से चीन तिलमिला गया और बयान जारी करते हुए कहा कि यह दो देशों के बीच का द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष के दखल के लिए कोई जगह नहीं है.

Also read:  यूपी में महिला को भाजपा को वोट देना पड़ा महंगा, महिला को घर से निकाला, दी तीन तलाक की धमकी

चीनी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘भारत और चीन के बीच सीमा विवाद द्विपक्षीय है. कूटनीतिक स्तर पर और दोनों सेनाओं के अधिकारियों द्वारा इसका हल निकाला जा रहा है. भारत और चीन इस विवाद को सुलझाने में सक्षम हैं. इस विवाद में किसी तीसरे के दखल के लिए कोई जगह नहीं है.’

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने मंगलवार को भारत के NSA अजित डोभाल (Ajit Doval) से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने जून में लद्दाख में गलवान घाटी में हुई हिंसा में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों को याद कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि अमेरिका किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ मजबूती से खड़ा है. दोनों देश अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Also read:  "बड़े संघर्ष को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है," जनरल बिपिन रावत चीन पर चेतावनी

पॉम्पिओ के इस बयान के बाद चीन की ओर से बयान जारी करते हुए कहा गया कि दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास में किसी तीसरे पक्ष को उनके वैध अधिकारों और हितों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए माहौल अनुकूल होना चाहिए. बता दें कि माइक पॉम्पिओ और अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर सोमवार को अहम टू-प्लस-टू वार्ता के लिए भारत पहुंचे. बातचीत के दौरान दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी संबंध बढ़ाने के लिए कई बड़े समझौते किए हैं.

Also read:  बिप्लब कुमार देब की जगह लेंगे माणिक साहा, लेंगे त्रिपुरा मुख्यमंत्री की सपत