English മലയാളം

Blog

देश में शनिवार से कोविड टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण में जिन तीन करोड़ लोगों को टीका लगना है, उनमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। इसमें जन प्रतिनिधि समेत कोई भी छलांग लगाने की कोशिश न करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह लोगों को बहुत बुरा संकेत देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कोविड टीकाकरण अभियान को लेकर मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक की थी। इस दौरान, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने मांग की कि सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीका दिया जाना चाहिए। सांसद और विधायक भी वायरस से निपटने में अग्रिम पंक्ति में हैं और वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के साथ बातचीत करना है।

Also read:  दिल्ली पुलिस ने गूगल को टूलकिट के मामले में नोटिस भेजा , पूछा- किसने अपलोड किए टूलकिट वाले दस्तावेज, दें जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी ने पहले विधायकों और सांसदों को टीका लगाने का प्रस्ताव ठुकराया दिया है। मोदी ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका दिया जाएगा। इस चरण में पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। दूसरे चरण में 50 साल से ऊपर और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा। इनकी संख्या 27 करोड़ रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण के खत्म होने तक कई और वैक्सीन भी हमारे पास होंगी। हम फिर उन पर विचार करेंगे।

Also read:  Coronavirus India: पिछले 24 घंटे में सामने आए 12,408 नए मरीज, 120 लोगों ने गंवाई जान

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को एक खास हिदायत भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान में इस बात का खास तौर पर ख्याल रखा जाए कि कोई नेता लाइन नहीं तोड़ने पाए। जन प्रतिनिधियों को भी टीका तभी लगे, जब उनकी बारी आए।

Also read:  चीन में फिर से कोरोना का कहर, हेबई में फिर लॉकडाउन, जापान में लगी इमरजेंसी

प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने सफल टीकाकरण के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की अपील भी की कि वैक्सीन को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैलाई जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मगर से बात नहीं चलेगी। देश और दुनिया के अनेक स्वार्थी तत्व हमारे अभियान में रुकावट डालेंगे। कभी कंट्री प्राइड की बात होगी तो कभी कारपोरेट प्रतिद्वंद्विता होगी। ऐसी हर कोशिश को नाकाम करना होगा।