सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के लिए शक्तिशाली खतरा पैदा करते हैं और टकराव की आशंका को दूर नहीं किया जा सकता।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन हम आतकंवाद के लिए जीरो-टोलरेंस रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सही समय आने पर हम इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। सीमा पर देशों के लिए ये एक साफ संदेश है। उन्होंने वस्तुत: भारतीय सेना द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थिति कुछ रणनीतिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सेना देश के हितों और लक्ष्यों के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थिति कायम रखेगी।
सेनाध्यक्ष ने कहा कि उंत्तरी सीमाओं को दोबारा संतुलित करने की आवश्यकता है और हमने इसे लागू किया है। जब तक हम राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर लेते तब तक हमने पूरी तैयारी की हुई है। सेनाध्यक्ष ने कहा कि एलएसी के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में घर्षण बिंदू हैं, जहां चीन ने बुनियादी ढांचे का विकास किया हुआ है।
हमने इन चुनौतियों का सामना किया और आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ लद्दाख ही नहीं बल्कि पूरे एलएसी पर उच्च स्तर की निगरानी की हुई है। कोर कमांडर स्तर के आठवें दौर की बातचीत हो चुकी है, अब 9वें दौर की वार्ता का इंतजार है। सेनाध्यक्ष ने कहा कि हमें बातचीत के लिए जरिए समाधान निकालने की उम्मीद है।
सेनाधयक्ष ने कहा कि सेना ने सर्दियों की पूरी तैयार कर ली है। एमएम नरवणे ने कहा कि हम शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करते हैं। बीते साल में सबसे मुख्य चुनौती कोविड-19 और उत्तरी सीमाओं पर की स्थिति रही। सेनाध्यक्ष ने जानकारी दी कि हमने उत्तरी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाई, हम शांति की बहाली की उम्मीद करते हैं लेकिन अगर कोई घटना होगी, तो उसके लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।
इसके अलावा सेनाध्यक्ष ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोद्योगिकी सक्षम सेना विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी नई तकनीकी को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा कि जवानों में तनाव को लेकर यूएसआई की रिपोर्ट में सैंपल साइज काफी कम था। रिपोर्ट में सैंपल साइज 400 था, जबकि मेरा मानना है कि 99 फीसदी स्पष्टता के लिए सैंपल साइज 19,000 होना चाहिए। हम जवानों में तनाव कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। पिछले साल की तुलना में जवानों की आत्महत्या करने के मामलों में कमी आई है।
All along the northern borders, we have remained vigilant. Friction points are there in the central and eastern sectors of the LAC where China has developed infrastructure. We keep monitoring it and factor it in our strategy: Army Chief pic.twitter.com/si73dnOITn
— ANI (@ANI) January 12, 2021