English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर दो महीनों से ज़्यादा समय से बैठे हैं. 26 जनवरी को लाल किले की घटना (Red Fort violence) के बाद से ही हर बॉर्डर पर पुलिस बंदोबस्त बढ़ाया गया है. देश के अन्य हिस्सों से किसान तीनों प्रमुख प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं. किसान ट्रैक्टर या अन्य वाहन लेकर दिल्ली में दाखिल नहीं हो पाए इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ बेरिकेड की संख्या बढ़ाई गई, रास्ता रोकने के लिए बसों से रोड को ब्लॉक किया गया है. किसानों को पैदल चलने से रोकने के लिए कटीले तार बिछाये गए हैं.

किसान आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं. दिल्ली में किसानों के दाखिल होने की आशंका के मद्देनजर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों को मजबूत किया गया है. पहले सीमेंट से रास्ते की घेराबंदी की गई फिर, अब सड़कों पर नुकेले कील तक लगाई गई हैं ताकि ट्रैक्टर दिल्ली में दाखिल न हो पाएं.टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब के ज़्यादा किसान हैं. टिकरी सीमा पर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की तैनाती की गई है.

Also read:  Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की राजनीति सरगर्मी बढ़ी, राहुल गांधी मिशन गुजरात पर, पार्टी को करेंगे मजबूत

विभिन्न राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. शिवसेना सांसद संजय राउत मंगलवार को दोपहर एक बजे गाजीपुर बॉर्डर जाएंगे. वह प्रदर्शकारी किसानों से मुलाकात करेंगे. राउत ने मंगलवार सुबह ट्वीट करके यह जानकारी दी. गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का नया केंद्र बन रहा है.विभिन्न राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. शिवसेना सांसद संजय राउत मंगलवार को दोपहर एक बजे गाजीपुर बॉर्डर जाएंगे. वह प्रदर्शकारी किसानों से मुलाकात करेंगे. राउत ने मंगलवार सुबह ट्वीट करके यह जानकारी दी. गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का नया केंद्र बन रहा है.

दिल्‍ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, उपद्रवियों का सामना करने के लिए पुलिस ने स्टील लाठियां (Steel Stick) तैयार की हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि जो स्टील लाठी की तस्वीर सामने आयी है वो शाहदरा जिले की है. वो लोकल ऑफिसर ने अपने स्तर पर ये लाठियां मंगाई थीं. इसके लिए सीनियर अफसरों से कोई अप्रूवल नहीं लिया गया था. सीनियर अफसरों को जैसे ही पता चला तुरंत लाठियां वापस भेज दी गईं. दिल्ली पुलिस की स्टील लाठी के प्रयोग की कोई योजना नहीं है.

Also read:  अरविंद केजरीवाल गुजरात के सरपंचों की सभा में होंगे शामिल

दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए कई स्तरीय बैरीकेड लगाए गए हैं. लोगों को पैदल चलने से रोकने के लिए कंटीले तार भी लगाए गए हैं. महज पांच दिन पहले इसी जगह पर तब हाई वॉल्टेज ड्रामा देखने को मिला था जब किसानों को पुलिस की तरफ से जगह छोड़ने का आदेश मिला था.

दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने गाजीपुर बॉर्डर का दौरा करके वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. पुलिस कमिश्नर के साथ विशेष पुलिस आयुक्त (मध्य) राजेश खुराना, संयुक्त पुलिस आयुक्त (पूर्व) आलोक कुमार और डीसीपी (पूर्व) दीपक यादव मौजूद रहे. दिल्ली पुलिस आयुक्त ने सुरक्षाकर्मियों के साथ बातचीत की और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की.

भाषा के मुताबिक, राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर सदन में तुरंत चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनकी मांग का अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य एक दिन बाद, बुधवार को राष्ट्रपति अभिभाषण पर होने वाली चर्चा में अपनी बात रख सकते हैं. कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक और सोशल मीडिया पर सरकार को घेरने की कोशिश में है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को कहा कि सरकार को ब्रिज बनाने चाहिए, दीवार नहीं.

Also read:  किसान आंदोलन : सिंघु बॉर्डर पर पत्थरबाजी, भीड़ ने उखाड़े किसानों के टेंट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रताड़ना झेल रहे हैं. उनकी मांगों पर सबसे पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए. हिंसा का बहाना बनाकर अभियान तोड़ने के लिए कीलों का इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे कि सामने कोई शत्रु बैठा है. अहंकार और जिद्द की राजनीति खत्म होनी चाहिए.