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बीजेपी की नजर अब आने वाले विधानसभा चुनावों पर है. इसे लेकर दिल्ली में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक 14 फरवरी को होगी, जिसमें आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा होगी. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा शुरू हो रही है. ये यात्रा 6 फरवरी को नवद्वीप से शुरू होगी, जिसे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शुरू करेंगे. 11 फरवरी को कूचबिहार से अमित शाह की कुल पांच यात्राएं होंगी. एक यात्रा 50-60 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी. अन्य तीन यात्राओं के रूट आदि भी तय किए जा रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी पांच परिवर्तन यात्राएं निकलेंगी.  पीएम मोदी के प्रति बंगाल की जनता का विश्वास है. ममता सरकार के भ्रष्टाचार को हम लोगों के बीच रखेंगे. परमिशन न मिलने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि हमने गृहसचिव को पत्र लिखा है. हम प्रजातांत्रिक तरीके से  ही अनुमति मांगेंगे, लेकिन ममता सरकार का पिछला रिकॉर्ड रहा है, इसलिए अगर अनुमति न मिली तो कोर्ट जाएंगे.

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बंगाल में बीजेपी की परिवर्तन यात्राओं के समापन में पीएम मोदी शामिल हो सकते हैं. बीजेपी ने इसके लिए पीएम मोदी से समय मांगा है.  समापन कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में कराने का कार्यक्रम है.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुई बीजेपी की एक रैली को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया और कहा कि चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में अकेली पड़ जाएंगी. अमित शाह ने यह हमला तृणमूल के पांच नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद किया था. इन नेताओं में बंगाल के वन मंत्री रहे राजीब बनर्जी शामिल हैं.  बाली से टीएमसी विधायक बैशाली डालमिया, उत्तरपाड़ा के एमएलए प्रबीर घोषाल, हावड़ा के मेयर रतिन चक्रबर्ती और पूर्व विधायक और रानाघाट से पांच बार नगर निकाय प्रमुख रहे पार्थ सारथी चटर्जी ने भी बीजेपी का दामन थामा है. ममता बनर्जी के करीबी रहे और उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में जाने का बाद यह तृणमूल कांग्रेस को लगा सबसे बड़ा झटका है.

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अमित शाह ने कहा कि ममता को सोचना चाहिए कि क्यों इतने सारे नेता तृणमूल छोड़कर बीजेपी में जा रहे हैं. क्योंकि वह राज्य में जनता की इच्छाओं को पूरा करने में असफल रही हैं. ममता के कुशासन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के कारण ऐसा हो रहा है. लेकिन यह शुरुआत है,चुनाव की घड़ी नजदीक आने तक वह अलग-थलग पड़ जाएंगी.  शाह ने सुवेंदु अधिकारी के भी टीएमसी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने पर भी यह प्रतिक्रिया दी थी.

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