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भारत में ऑमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। देश में तीसरी लहर की आहट है। सरकार कोरोना से लड़ने के लिए अपने स्तर पर काम कर रही हैं। वहीं, कई राज्य सरकारों ने कर्फ्यु लगा दिया और लोगों को सतर्क कर दिया है।

 

देश में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) मूल वायरस के मुकाबले तीन गुना रफ्तार से फैल रहा है। भारत में नए वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला 2 दिसंबर को मिला था, लेकिन महज 19 दिन में ही इसकी चपेट में आने वालों की संख्या 200 हो गई। इसके विपरीत मूल कोरोना वायरस से संक्रमण के 200 मामले मिलने में 60 दिन लगे थे। इस लिहाज से ओमिक्रॉन के फैलने की दर मूल वायरस के मुकाबले 318 फीसदी है।

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ओमिक्रॉन ने इस दौरान जहां प्रतिदिन औसतन 10.5 लोगों को संक्रमित किया, वहीं शुरू के दो महीने के दौरान मूल वायरस से प्रतिदिन केवल 3.3 लोग संक्रमित हुए। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला वर्ष 2020 में 30 जनवरी को दर्ज किया गया था। इसके बाद 1 अप्रैल, 2020 को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 200 हो गई। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, इसके बाद से यह लगभग 100 देशों में फैल चुका है। यही वजह है कि भारत में इसके तेज प्रसार को देखते हुए तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।

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महाराष्ट्र-दिल्ली में ओमिक्रॉन के मामले सर्वाधिक

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देश के 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन फैल चुका है। अब तक इससे 236 लोग संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 106 लोग ठीक हो चुके हैं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 65 मामले मिले हैं, जबकि ओमिक्रॉन के 64 केस के साथ दिल्ली दूसरे नंबर पर है। तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 21 और केरल में 15 नए मामले दर्ज किए गए हैं।