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एमआरएम ने कहा कि विपक्षी दलों ने मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक माना है और सत्ता में आने के बाद उन्होंने मुस्लिम समुदाय को गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ापन और ‘तीन तलाक’ जैसे अत्याचार दिए हैं।

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक समुदाय से भाजपा को वोट देने की शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि भाजपा शासन में मुसलमान ‘सबसे सुरक्षित और खुश’ हैं। जबकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उन्हें केवल ‘वोट बैंक’ मानती हैं।

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सपा-बसपा ने मुसलमानों को माना केवल अपना वोट बैंक

एमआरएम ने समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र और राज्यों में बीजेपी सरकारों द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि पार्टी देश में मुसलमानों की ‘सबसे बड़ी शुभचिंतक’ है। एमआरएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा और बसपा सहित विपक्षी दलों ने मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक माना है और सत्ता में आने के बाद, उन्होंने समुदाय के सदस्यों को गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ापन और ‘तीन तलाक जैसे अत्याचार दिए।

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संगठन के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने भाषा को बताया कि एमआरएम का ‘निवेदन पत्र’ पर्चे के रूप में प्रकाशित हुआ है और इसे चुनाव वाले राज्यों में वितरित करने के लिए यहां एक बैठक में (इसे) जारी किया गया, जिसकी अध्यक्षता इसके (एमआरएम के) संस्थापक और मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए पर्चे को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के बीच बांटा जाएगा।

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यह जिक्र किया गया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए नयी रोशनी, नया सवेरा, नयी उड़ान, सीखो और कमाओ, उस्ताद और नयी मंजिल सहित 36 योजनाएं शुरू की हैं. संगठन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुद्रा योजना, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, स्टार्टअप इंडिया और मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अन्य योजनाओं से भी लाभ हुआ है।