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जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने शरद पर निशाना साधते हुए कहा, ” जिंदगी भर वोट मधेपुरा से, राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़ सरकारी बंगले के लोभ में राजनीतिक समझौता कर लिया आपने।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में रविवार को विलय कराने वाले हैं।

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शरद और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की मौजूदगी में एलजेडी का आरजेडी में विलय कराया जाएगा। हालांकि, दोनों पार्टियों के विलय की खबरों पर सियासत शुरू हो गई है।

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जेडीयू प्रवक्ता ने कसा तंज

लालू को भ्रष्टाचारी बताने वाले शरद का उनसे ही हाथ मिला लेने के बाद सत्ता पक्ष हमलावर है और पूर्व केंद्रीय मंत्री को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा है। इसी क्रम में जेडीयू (JDU) ने शरद से कई प्रश्न किए हैं। जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल (Nikhil Mandal) ने ट्वीट कर कहा, ” ये वही शरद यादव हैं, जिन्होंने लालू यादव को सजा होने पर खुशी जाहिर की थी। कहा था कि भ्रष्टाचारियों के लिए यह फैसला सबक है। उनकी नजर में लालू यादव भ्रष्टाचारी हैं तो दल का विलय क्यों? देखना है तेजस्वी यादव अपने पिता को भ्रष्ट कहने वाले को क्या इनाम देते हैं। वाह समाजवाद।”

 

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निखिल मंडल ने कहा, ” जिंदगी भर वोट मधेपुरा से, राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़ सरकारी बंगले के लोभ में राजनीतिक समझौता कर लिया आपने। कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की पर बेटी-समधी को कांग्रेस से टिकट दिलवाया। भ्रष्टाचार के खिलाफ थे पर आज भ्रष्टाचार में डुबकी लगा दिए।”

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जानें किस बात पर है विवाद

बता दें कि शरद यादव फिलहाल किसी राजनीतिक पद पर नहीं हैं। हालांकि, वे दिल्ली में सरकारी बंगले में रह रहे हैं, जो उन्हें राज्यसभा सांसद रहते हुए आवंटित किया गया था। लेकिन अब वो बंगला केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) को आवंटित कर दिया गया है। ऐसे में उन्हें दो महीने में बंगला खाली करना होगा। इधर, चर्चा है कि आरजेडी उन्हें अपने कोटे से राज्यसभा भेज सकती है। ऐसे में ऐसा कहा जा रहा है कि शरद ने बंगले के लिए समझौता कर लिया है।