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दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 26 साल से लापता कुख्यात नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है। खास बात ये है कि इसने चालाकी से 20 साल पहले खुद मृत घोषित भी करवा दिया था।

 

60 वर्षीय एक कुख्यात नक्सली नेता किशुन पंडित 20 साल से नाम और पहचान बदलकर दिल्ली से सटे फरीदाबाद में रह रहा था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसे पुल प्रह्लादपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया है।

बताया जा रहा है कि पकड़े गए इस नक्सली नेता ने 26 साल पहले बिहार में एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी, फिर पुलिस से बचने के लिए 2002 में एक ट्रेन हादसे में खुद को मरा घोषित करवाते हुए नकली दाह संस्कार भी करवाया दिया था। इसके बाद बिहार पुलिस ने उसकी तलाश बंद कर दी थी। 26 साल पहले ही उस पर 1 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

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दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एसीपी अभिनेंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि किशुन पंडित फरीदाबाद में छिपा हुआ है। सूचना को पुख्ता करने और किशुन पंडित के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक टीम पुनपुन और पटना भेजी गई। वहां दिल्ली पुलिस को पता लगा कि 23 नवंबर, 1996 को माले नामक नक्सली संगठन के जिला प्रमुख नेता देवेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी।

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जिसके बाद किशुन पंडित ने करीब दो हजार लोगों के साथ पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इन लोगों ने एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी, जबकि तीन पुलिस अधिकारी बुरी तरह घायल हो गए थे। तभी से किशुन पंडित फरार था।

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इसके बाद साल 1996 में दिल्ली से पटना जाते समय श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। किशुन पंडित ने इस घटना का फायदा उठाया ओर बिहार में अपने परिवार के सदस्यों को ग्रामीणों को यह बताने का निर्देश दिया था कि किशुन की ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गई है। परिजनों ने किसी और के शव को ले जाकर ग्राम में अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने किशुन पंडित की तलाश बंद कर दी थी।