डेढ़ साल बाद छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है,जिसके लिए बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। छत्तीसगढ़ में 15 साल तक अपना शासन चलाने वाली भाजपा इन दिनों बेहद ही लचर नजर आ रही है।
पार्टी का कोई भी बड़ा नेता जनता के बीच ना तो अपनी छाप छोड़ने में सफल नजर नहीं आ रहा है,ना ही पार्टी फील्ड पर सक्रिय नजर आ रही है। पार्टी आलाकमान की बुलावे पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ,प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और संगठन के नेता भूपेंद्र सवन्नी दो दिनों तक दिल्ली में रहे,इस दरमियान उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लम्बी मीटिंग की।इसके अलावा पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की है। इन मुलाकातों के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा बड़ी तेजी से चल रही है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के भीतर नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है।
रमन ने की पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात
शुक्रवार को 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डा रमन सिंह ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। रमन सिंह मुलाकत की तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से सौजन्य भेंट करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस दौरान चार राज्यों में भाजपा की जीत की बधाई दी एवं छत्तीसगढ़ में संगठन के कार्यों से अवगत कराया। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तिथि बढ़ाने पर आभार व्यक्त किया।
रमन सिंह भले ही इसे सामान्य भेंट मुलाकात बता रहे हों ,लेकिन इसके पीछे कोई खास मकसद छुपा हो सकता है, क्योंकि इस मुलाकात के महज एक दिन पहले ही वह प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी आलाकमान जे पी नड्डा के साथ भी बैठक में हिस्सा ले चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है।
मिशन 2023 की तैयारी
सियासी चर्चाये हैं कि आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ में बीजेपी डॉ रमन सिंह का चेहरा इस बार नजर नहीं आने वाला है। बताया जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में इस मर्तबा प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी ही चुनाव में भाजपा के लिए वोट अपील का बड़ा चेहरा होंगे। दरअसल में खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस से मिली पराजय के बाद बीजेपी को भीतरखाने डर सताने लगा है। इसलिए हाईकमान ने विधानसभा चुनाव के पूर्व पार्टी की मरम्मत करने का काम छत्तीसगढ़ के नेताओं को दिया है।
बहरहाल टीम रमन सिंह के दिल्ली दौरे के बाद प्रदेश का सियासी पारा छत्तीसगढ़ का सियासी पारा भी हाई है। राजनीति में रूचि रखने वालो का मानना है कि भूपेश बघेल की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार और संगठन के सामने केंद्रीय नेतृत्व को अब भी भरोसा इन्हीं नेताओं पर है।
पुरंदेश्वरी की रिपोर्ट का असर
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने रायपुर से लेकर बस्तर तक दौरे करने के बाद आलाकमान को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें संगठन में छत्तीसगढ़ में भाजपा की भलाई के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया गया है। प्रदेश के सभी संभागो और जिलों में संगठन की गतिविधियां कमजोर पड़ी हुई हैं , हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने इन हालातो पर चिंता जताई थी।
माना जा रहा है कि शिवप्रकाश की चिंता और डी पुरंदेश्वरी की रिपोर्ट के बाद ही पार्टी हाईकमान को टीम रमन के लिए अलग से बैठक बुलानी पड़ी इस बीच इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि विधानसभा चुनाव पहले भाजपा संगठन बड़े परिवर्तन हो सकते है।बहरहाल इस बात की संभावना मजबूत है कि आने वाले समय में प्रदेश संगठन के कई नेताओं की छुट्टी की जा सकती है , हालांकि जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद भाजपा बीजेपी नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि यह बैठक आगामी चुनाव के मद्देजनर बुलाई गई थी।