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उत्तराखंड के औली में होगा भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और चीन की सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर होगा संयुक्त सैन्य अभ्यासचीन ने दर्ज कराई है अपनी आपत्ति

 

वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत- अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चीनी आपत्ति का भारत ने जवाब दिया है।

भारत ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैन्य अभ्यास “पूरी तरह से अलग” है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मुद्दे पर कहा है कि दोनों पक्षों को अतीत के समझौतों पर कायम रहना चाहिए।

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उन्होंने कहा, “मैं तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के संदर्भ को नहीं समझता। भारत-अमेरिका अभ्यास पूरी तरह से अलग है और मुझे नहीं पता कि इसे क्या रंग दिया गया है। यह लक्षित है और समझौतों का उल्लंघन है।”

 

इससे पहले चीन ने गुरुवार को भारत और अमेरिका के बीच अक्टूबर में विवादित चीन-भारत सीमा के पास होने वाले युद्ध खेलों का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय सीमा समझौते में हस्तक्षेप है। चीन ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) नजदीक सैन्य अभ्यास नई दिल्ली और बीजिंग के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन है।

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अक्टूबर में प्रस्तावित भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास पर आपत्ति जताते हुए चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल टैन केफेई ने गुरुवार को कहा, “हम चीन-भारत सीमा मुद्दे में किसी भी रूप में दखल देने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष का कड़ा विरोध करते हैं।”

बता दें कि अमेरिका और भारत के सैनिकों के बीच युद्ध अभ्यास ड्रिल का 18वां संस्करण उत्तराखंड में पहाड़ों पर 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर होना है।

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चीन इस खबर से बौखलाया हुआ है। यह सैन्य अभ्यास अक्टूबर में उत्तराखंड के औली में होगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार 18वां ‘युद्ध अभ्यास’ 14 से 31 अक्टूबर तक चलेगा। ये सैन्य अभ्यास भारत और चीन की सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर होगा। इस युद्धाभ्यास को लेकर चीन का दावा है कि भारत का यह कदम 1993 और 1996 में किए गए सीमा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। हालांकि भारत ने चीनी आपत्ति को पूरी तरह नकार दिया है।