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खीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्राने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

 

आशीष ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी के जरिए मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से साफ इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।इस मामले में आशीष मुख्य अभियुक्त हैं।

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आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं. आशीष ने पिछले साल आंदोलन कर रहे किसानों पर एसयूवी कार चढ़ा दी थी. यह घटना 3 अक्टूबर को तब घटी थी, जब किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, जिन्हें सरकार द्वारा अब निरस्त कर दिया गया है। लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में अजय मिश्रा के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा था। इसी दौरान 4 किसानों समेत आठ लोगों की एसयूवी कार के नीचे आने से मौत हो गई थी।

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हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 26 जुलाई को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि आशीष राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह गवाहों और मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकता है। पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। लखनऊ पीठ ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था और हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह पीड़ित पक्ष को मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की थी।

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