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स्वास्थ्य विभाग में अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर खेल लगातार सामने आ रहा है। आलम यह है कि जो 300 किलोमीटर दूर राजधानी में रहने वाले डॉक्टरों के नाम से भी गोरखपुर में अस्पताल चल रहे हैं।

 

बीते शुक्रवार को सीएमओ द्वारा जारी सूची में ऐसे कई डॉक्टरों के नाम है। लखनऊ में रहने वाले डॉ. विनीत कुमार शुक्ला भी इस रैकेट का शिकार हो गए हैं। वह बीते आठ साल से लखनऊ में है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी सूची में वह जिले के चार अस्पतालों में वह फुलटाइम सेवा दे रहे हैं।

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अचरज में हैं डॉक्टर, लगाया फर्जीवाड़े का आरोप मामला सामने आने के बाद डॉ. विनीत हैरान हैं। उन्होंने बताया कि बीआरडी से एमबीबीएस करने के बाद 2014-15 में लखनऊ में शिफ्ट हो गया। यहीं पर प्रैक्टिस कर रहा हूं। गोरखपुर के किसी भी अस्पताल में पंजीकरण के लिए कागज नहीं दिया है। मेरे शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग हुआ है।इसकी लिखित सूचना सीएमओ को दूंगा।

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भाई के जरिए भेजेंगे पत्र उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी बैच के सहपाठियों के जरिए हुई। सीएमओ द्वारा जारी सूची भी मिली। तब जाकर खेल का पता चला। गोरखपुर में भाई रहते हैं। उनके जरिए सीएमओ को पत्र भेजूंगा।

दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों ने झाड़ा पल्ला

सीएमओ द्वारा सूची जारी करने के बाद जिले के डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है। बीते तीन दिन में दो दर्जन से अधिक डॉक्टर सीएमओ कार्यालय पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग में पहुंचे डॉक्टरों ने बकायदा एफिडेविट देकर बताया कि उनका संबंध ज्यादातर अस्पतालों से नहीं है। एफिडेविट देने वालों में शहर के कई नामी डॉक्टर भी शामिल है। ऐसे में अब महानगर के कई अस्पताल डॉक्टर विहीन हो गए। इससे अस्पतालों के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है।

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