केंद्र पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों से मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ अध्यायों को हटाने के फैसले की निंदा की।
ट्वीट करते हुए कपिल सिब्बल ने लिखा, “एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें: मिटा दी गईं: 1) गांधी की हिंदू मुस्लिम एकता की खोज 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों के सभी संदर्भ 4) विरोध प्रदर्शन जो समकालीन भारत में सामाजिक आंदोलनों में बदल गए। मोदी जी के भारत के अनुरूप आधुनिक भारत का इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए…!” बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) साल 2014 में सत्ता में आई थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की संशोधित किताबों को अपने स्कूलों में चालू सत्र से ही पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है, जिसमें 12वीं कक्षा की इतिहास की किताबों से मुगल बादशाह और दरबारों के अंश हटा दिये गए हैं। एनसीईआरटी ने मुगल साम्राज्य से संबंधित अध्यायों को हटाकर कक्षा 12वीं के इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है।
NCERT textbooks:
Effaced:
1) Gandhi’s pursuit of Hindu Muslim unity
2) Banning of RSS
3) All references to Gujarat riots
4) Protests that turned into social movements in contemporary IndiaConsistent with Modiji’s Bharat modern Indian history should start from 2014… !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 5, 2023
इतिहास की पाठ्यपुस्तक में मुगल दरबारों के अध्यायों को एनसीईआरटी द्वारा संशोधित संस्करण में हटा दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप सीबीएसई, उत्तर प्रदेश और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का पालन करने वाले अन्य राज्य बोर्डों सहित सभी बोर्डों के पाठ्यक्रम में बदलाव होंगे। संशोधित पाठ्यक्रम 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए लागू किया जाएगा।