English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली:  देशभर के किसान संगठनों ने आज (मंगलवार, 8 दिसंबर को भारत बंद ( Bharat Bandh on 8th December) का आह्वान किया है. इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं. ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्‍यादा किसान संगठन शामिल हैं.  मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस  समेत दर्जन भर राजनीतिक दलों ने भी बंद का समर्थन किया है

किसानों ने भारत बंद के लिए मर्यादा सूत्र का ऐलान किया है, जिसके तहत कहा गया है कि चक्का जाम सिर्फ शाम तीन बजे तक रहेगा. इसके अलावा कहा गया है कि भारत बंद के तहत सभी बाजार, दुकान, सेवाएं और संस्थान बंद रहेंगे. किसान दूध, फल, सब्जी आदि कोई भी उत्पाद लेकर बाजार नहीं जाएंगेIअस्पताल और एम्बुलेंस जैसी सभी एमरजेंसी और अनिवार्य सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. शादियों के सीजन को देखते हुए भी शादी से जुड़े सभी कामों को भारत बंद से मुक्त रखा गया है.

Also read:  किसान आंदोलन: किसानों की नई रणनीति, दिल्ली बॉर्डर पर कम की जा रही है भीड़

किसान संगठनों ने बंद करने वालों से अपील की है कि भारत बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण हो. इसमें किसी तरह की तोड़फोड़, हिंसा या आगजनी की घटना या जबदस्ती की घटना न हो. किसान संगठनों ने कहा है कि जो भी राजनीतिक दल बंद का समर्थन करना चाहें, वे अपना झंडा-बैनर छोड़कर किसानों का साथ दें.सभी से ‘सांकेतिक’ बंद में शामिल होने की अपील करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अपने प्रदर्शन के तहत पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक वे ‘चक्का जाम’ प्रदर्शन करेंगे, जिस दौरान प्रमुख सड़कों को जाम किया जाएगा. प्रदर्शन के तहत उत्तरी राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसान सड़कों पर उतरे हैं.

लगभग सभी विपक्षी दलों द्वारा ‘भारत बंद’ को समर्थन देने और कई संगठनों के किसानों के समर्थन में समानांतर प्रदर्शन करने की घोषणा के बाद केंद्र ने परामर्श जारी करते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुरक्षा बढ़ाने और शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.हरियाणा के कृषक संगठनों की ओर से अनेक प्रतिनिधियों द्वारा कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कल ज्ञापन दिया गया है.

Also read:  मध्य रेलवे ने पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100% किया विद्युतीकरण, पीएम मोदी ने दी बधाई

व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ट्रांसपोर्टरों के संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसियेसन (एआईटीडब्ल्यूए) ने किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ से अलग रहने की घोषणा की है. कैट ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के ‘भारत बंद’ के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे.कैट के अलावा एआईटीडब्ल्यू ने भी घोषणा की है कि ‘भारत बंद’ के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन सामान्य बना रहेगा. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने लोगों से उनके ‘भारत बंद’ के आह्वान में शामिल होने की अपील की है. कैट और एआईटीडब्ल्यूए ने सोमवार को संयुक्त बयान में कहा कि व्यापारी और ट्रांसपोर्टर 8 दिसंबर के ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होंगे.

Also read:  Farmers Protest : कृषि कानूनों के विरोध में किसान आज रेल रोको आंदोलन,ये हैं संवेदनशील रूट

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे किसानों के एक समूह से सोमवार को कहा कि नए विधानों से कृषकों और खेती-बाड़ी को लाभ होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसे आंदोलनों से निपटेगी. पद्मश्री से सम्मानित कंवल सिंह चव्हान की अगुवाई में 20 ‘प्रगतिशील किसानों’ के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री के साथ बैठक में कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों को संशोधित करे, लेकिन उन्हें (कानूनों को) निरस्त नहीं करना चाहिए.छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को बुलाए गए किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है. कांग्रेस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसानों का समर्थन करें. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने सोमवार को बताया कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बंद का समर्थन करेगी.