दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार और 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के नायक डिएगो माराडोना का बुधवार को निधन हो गया। पेले के साथ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले माराडोना 60 वर्ष के थे। पिछले लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे।
उनके निधन के बाद दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है और सोशल मीडिया पर इस महान फुटबॉलर को श्रद्धांजलि दी जा रही है। अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है।
विश्व कप 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में ‘खुदा का हाथ’ वाले गोल के कारण फुटबॉल की किवदंतियों में अपना नाम शुमार कराने वाले माराडोना दो दशक से लंबे अपने कैरियर में फुटबॉलप्रेमियों के नूरे नजर रहे। नशे की लत और राष्ट्रीय टीम के साथ नाकामी ने उनकी साख को ठेस पहुंचाई लेकिन फुटबॉल के दीवानों के लिए वह ‘गोल्डन ब्वॉय’ बने रहे।
अर्जेंटीना से खेलते हुए माराडोना ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 91 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 34 गोल किए। चार फीफा विश्व कप खेल चुके माराडोना ने अपनी कप्तानी में अर्जेंटीना को 1986 विश्व कप में जीत दिलाई थी। वे टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए थे। उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड जीता था।
माराडोना को फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने एक बार वर्ल्ड कप गोल्डन बॉल, एक बार बेलोन डी ओर, दो बार साउथ अमेरिकन फुटबॉलर ऑफ द ईयर, छह बार नेशनल लीग टॉप स्कोरर अवॉर्ड जीता है।