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 रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले के साथ- साथ आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले में सीबीआई और ईडी की जांच जिस तेज गति से आगे बढ़ रही है, उससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुसीबतें खासी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल, अब इस मामले में सीबीआई के बाद ईडी भी सक्रिए हो गई है।

 

जांच एजेंसी ने शनिवार को तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए समन भेजा था और आज ऑफिस आने के लिए कहा था। इससे पहले 4 फरवरी को भेजा गया था। उसवक्त तेजस्वी ने विधानसभा सत्र का हवाला देते हुए उस दिन हाजिर होने से मना कर दिया था। इसबीच सूत्रों की मानें तो तेजस्वी पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से सीबीआई के सामने पेश नहीं होने का हवाला देते हुए समय मांगा है।

तेजस्वी की ओर से कहा गया है कि वे फिलहाल सीबीआई के सामने पेश नहीं हो सकते हैं। ईडी के छापे के बाद तेजस्वी की पत्नी को शुक्रवार शाम को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के अनुसार वह गर्भवती है और बारह घंटे की पूछताछ के बाद बीपी की समस्या के कारण बेहोश हो गई थी।

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इसी वजह से अब तेजस्वी ने कहा है कि वह सीबीआई के समन पर आज पेशी के लिए उपस्थित नहीं हो सकते। इस बीच सीबीआई सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव के खिलाफ काफी सबूत मिले हैं। दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कॉलोनी स्थित जिस घर में तेजस्वी यादव रहते हैं, वह घर ए.के. इन्फोसिस्टम नाम की कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है।

एके इंफोसिस्टम का नाम रेलवे के लैंड फॉर जॉब घोटाले में पहले से आ चुका है। दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का ये आलीशान मकान शुरू से ही केंद्रीय जांच एजेंसियों की निगाहों में रहा है। लालू परिवार की कई कंपनियों का रजिस्टर्ड पता यही मकान रहा है। तेजस्वी यादव दिल्ली के इसी मकान में रहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई और ईडी दोनों को तेजस्वी यादव के इस घर और लैंड फॉर जॉब घोटाले के साथ साथ आईआरटीसी टेंडर घोटाले में शामिल होने के सबूत मिले हैं। लिहाजा उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। लेकिन वे जांच एजेंसी द्वारा भेजे जा रहे समन के बावजूद हाजिर नहीं हो रहे हैं। इससे ये लग रहा है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि ईडी ने लालू यादव के करीबियों और रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी में 53 लाख रुपए, 1,900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। ईडी ने शुक्रवार को लालू यादव के करीबियों के दिल्ली, मुंबई, नोएडा और पटना में 15 जगहों पर छापेमारी की थी।

इनमें दिल्ली के तेजस्वी यादव के घर, लालू की तीन बेटियों हेमा, रागिनी और चंदा का घर भी शामिल था। इनके अलावा, लालू के समधी जितेंद्र यादव के गाजियाबाद स्थित आवास पर भी छापा डाला गया था। ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मनी लांड्रिंग के ठोस सुबूत मिलने का दावा किया है।

सूत्रों के अनुसार 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल में कई लोगों को ग्रुप डी की नौकरी मिली। बदले में लालू के परिवार के सदस्यों और एके इन्फोसिस्टम कंपनी के नाम पर उनकी जमीनें बहुत कम कीमत पर ट्रांसफर की गईं। लालू की दो बेटियां रागिनी और चंदा इस कंपनी की पूर्व निदेशक हैं।

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हेमा यादव को घोटाले से जुड़े दो भूखंड अलग से मिले थे। सूत्रों का कहना है कि घोटाले में की गई अवैध कमाई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 7.5 लाख में खरीदे चार भूखंड मेरिडियन कंस्ट्रक्शन को 3.5 करोड़ में बेचे गए। मेरिडियन कंस्ट्रक्शन राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना की कंपनी है।

ईडी के अधिकारी के अनुसार, 3.5 करोड़ राबड़ी देवी और हेमा के पास से होते हुए तेजस्वी व परिवार के अन्य सदस्यों के पास पहुंचने के सुबूत मिले हैं। ईडी के अनुसार ए.के. इन्फोसिस्टम लालू के परिवार की ही कंपनी है। उनकी दो बेटियां इसमें निदेशक रह चुकी हैं। यह कंपनी न्यू फ्रेंड्स कालोनी के जिस पते पर पंजीकृत है, उसका उपयोग तेजस्वी दिल्ली में आवास के रूप में करते हैं। छापे के दौरान इस घर में उनकी उपस्थिति से इसकी पुष्टि होती है।