देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव के लिए दबाव डाल रही है। हालांकि, इस बदलाव से पॉलिसीधारकों को लाभांश के मोर्चे पर झटका लग सकता है।
दरअसल, वित्त मंत्रालय बीमा कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो निवेशकों की पूंजी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा, 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, हम प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे अपने उत्पादों की पेशकश का आधुनिकीकरण करें और पॉलिसीधारकों को कम लाभांश का भुगतान करें।
निर्गम मूल्य से काफी नीचे आ चुका है शेयर का भाव
एलआईसी 17 मई को सूचीबद्ध हुई थी। तब से कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य 949 रुपये से काफी नीचे आ चुका है। एनएसई पर यह 872 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ था। मंगलवार को इसका शेयर 0.72 फीसदी गिरकर 595.50 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, विदेशी ब्रोकरेज कंपनियां इसके शेयर को लेकर आशावादी हैं। सिटी ने 14 अक्तूबर की रिपोर्ट में एलआईसी के शेयर के लिए 1,000 रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया। कहा, एलआईसी परिपक्व वैश्विक कंपनियों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।
स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ाने को इरडा ने बनाई 15 सदस्यीय समिति
बीमा नियामक इरडा ने बुधवार को 15 सदस्यीय स्वास्थ्य बीमा सलाहकार समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति का उद्देश्य देश में सबके लिए स्वास्थ्य बीमा के लक्ष्य को हासिल करना है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा, समिति का गठन दो साल के लिए किया गया है। इरडा के सदस्य राकेश जोशी की अध्यक्षता वाली समिति को स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में आने वाली चुनौतियों की पहचान करने और कारोबारी सुगमता के लिए सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है। परिपत्र में कहा गया कि समिति के उद्देश्यों में भारत में स्वास्थ्य बीमा की पैठ बढ़ाने के तरीकों और साधनों को बढ़ाना शामिल है। इसमें संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में मुद्दों और चुनौतियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए सिफारिशें देना भी शामिल है।