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तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कांग्रेस विधायकों के पास से बरामद कैश मामले पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के ट्विटर हैंडल से इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए।

 

टीएमसी ने ट्वीट में कहा गया, ‘झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों के पास से भारी मात्रा में कैश बरामदगी से कई सवाल खड़े होते हैं। हम यह देख चुके हैं कि भाजपा ने कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराया है। क्या यह घटना अब झारखंड में दोहराई जाने वाली है?’

तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले की पारदर्शी जांच की मांग की। टीएमसी ने कहा, ‘यह हैरान करने वाली बात है कि अब तक बरामद पैसों का सोर्स पता नहीं चल पाया है। हमने सुवेंदु अधिकारी को यह कहते सुना है कि झारखंड सरकार गिरा दी जाएगी। क्या उन्हें इस मामले में जांच के दायरे में लाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।’

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‘सुवेंदु अधिकारी की भूमिका की भी हो जांच’

ममता बनर्जी की पार्टी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की भूमिका की भी जांच करने की मांग की है। दरअसल, अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि महाराष्ट्र के बाद झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की बारी है। मालूम हो कि करीब एक महीने पहले विधायकों की बगावत के चलते उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी।

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संजय राउत पर ED के ऐक्शन पर भी सवाल

TMC ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर ईडी की कार्रवाई का मामला भी उठाया। तृणमूल ने इसे केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश बताया। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ईडी के छापों की निंदा करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यह संसद के भीतर और बाहर विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है। संसद के भीतर आप (भाजपा नीत केंद्र) सांसद को निलंबित कराते हैं और बाहर, आप विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं।’

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TMC नेता पर ED की कार्रवाई

मालूम हो कि ईडी ने हाल ही में टीएमसी से सस्पेंडेड नेता पार्थ चटर्ली की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोड़ों रुपये बरामद किए हैं। इस मामले में दोनों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। वहीं, पार्थ चटर्जी का दावा है कि ईडी की छापेमारी के दौरान बरामद रुपये उनके नहीं हैं, और समय बताएगा कि उनके खिलाफ साजिश में कौन लोग शामिल हैं।