विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ मंगलवार को मुलाकात के दौरान व्यापार, रक्षा, शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर वार्ता की। राब ऐसे समय में तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आएं हैं, जब ब्रिटेन ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौता करने के लिए यूरोपीय संघ के साथ जटिल वार्ता कर रहा है। राब 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर हैं।
वार्ता के दौरान विदेश मंत्री राब ने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वहीं इसे बड़ा सम्मान बताते हुए ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री मोदी को जी 7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है, जिसकी मेजबानी ब्रिटेन करने वाला है।
गणतंत्र दिवस पर आएंगे जॉनसन
ब्रिटेन के विदेश मंत्री संग मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘गणतंत्र दिवस 2021 में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की उपस्थिति एक तरह से नए युग का प्रतीक होगी। यह हमारे संबंधों का एक नया चरण होगा।’
I'm pleased that PM Boris Johnson has invited PM Modi to join the UK-hosted G7 summit next year. UK PM Johnson has also accepted the very generous invitation to attend India's Republic Day celebrations in January, which is a great honour: UK Foreign Secretary Dominic Raab https://t.co/GS1YTD0FeW pic.twitter.com/VPW7JsQrnQ
— ANI (@ANI) December 15, 2020
वार्ता के बाद विदेश मंत्री ने कहा, इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि कैसे हमारे संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाया जाए। हमने 5 व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें लोगों को जोड़ना, व्यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य शामिल हैं। हमने अफगानिस्तान के हालात और खाड़ी देशों एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र संबंधी गतिविधियों की समीक्षा की।
विदेश मंत्री राब ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी को अगले साल ब्रिटेन की मेजबानी वाले जी 7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। यूके के प्रधानमंत्री जॉनसन ने भी जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है, जो एक महान सम्मान है। हम 2021 में ब्रिटेन के जी 7 के प्रेसिडेंसी और संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का इंतजार कर रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की वापसी का स्वागत करते हैं।’
बता दें कि ब्रेक्जिट के मद्देनजर ब्रिटेन भारत जैसी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। इस प्रकार की आशंका जताई जा रही है कि किसी व्यापार समझौते के बिना यूरोपीय संघ से बाहर आने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा।